हरियाणा में पराली जलाने पर सख्ती, 17 अधिकारियों को चार्जशीट, 26 निलंबित

KNEWS DESK-  हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में कोताही बरतने वाले 17 अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट जारी की गई है। इसके अलावा, अब तक कुल 394 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, जबकि कृषि विभाग के 26 अधिकारियों को निलंबित किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले कार्रवाई

23 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में पराली जलाने के मामले की सुनवाई से दो दिन पहले ही सरकार के निर्देश पर एक साथ 24 अधिकारियों को निलंबित किया गया था। राज्य कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह चार्जशीट विभागीय प्रक्रिया के अंतर्गत हैं और ड्यूटी में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

नए मामले और एफआईआर

सोमवार को राज्य में पराली जलाने के 11 नए मामले सामने आए हैं, जिससे अब तक कुल 724 मामले दर्ज हो चुके हैं। इसके साथ ही, नौ किसानों की “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर रेड एंट्री की गई है। पराली जलाने के कारण अब तक कुल 216 एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी हैं। कैथल जिले में सबसे अधिक 135 मामले सामने आए हैं, इसके बाद कुरुक्षेत्र (99), अंबाला (78), करनाल (78), जींद (56), फतेहाबाद (48), और सोनीपत (47) का स्थान है।

पराली प्रबंधन के प्रयास

हरियाणा सरकार फसल अवशेष प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देश पर विस्तृत योजना तैयार की गई है, जिसमें किसानों को वित्तीय सहायता दी जा रही है और पंचायतों को जीरो बर्निंग लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं।

इस वर्ष, पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्ष की तुलना में 29 प्रतिशत की कमी आई है। 28 अक्टूबर, 2024 तक 83,070 किसानों ने 7.11 लाख एकड़ धान क्षेत्र के प्रबंधन के लिए पंजीकरण कराया है, और पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2024 है। सरकार ने 2020-21 से 2023-24 तक किसानों को 223 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की है, जिससे पराली जलाने की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है।

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