KNEWS DESK – झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने मंगलवार को अधिकारियों को आदिवासियों के भूमि अधिकारों की रक्षा करने और विवादों के बाद उनके पक्ष में अदालती आदेश आने पर उन्हें भूखंडों पर कब्जा दिलाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
एससी-एसटी अधिनियम के तहत दर्ज सभी मामलों का प्राथमिकता
बता दें कि इस बात पर जोर देते हुए कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) सबसे अधिक हाशिए पर और वंचित आबादी रही है, सोरेन ने अधिकारियों से यह भी कहा कि एससी-एसटी अधिनियम के तहत दर्ज सभी मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाए। सोरेन की अध्यक्षता में यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा के बाद यह निर्देश दिए गए।
आदिवासियों को भूमि पर कब्जा दिलाना सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, बैठक के दौरान सोरेन ने अधिकारियों से कहा, “अनुसूचित जनजाति से संबंधित भूमि विवादों में, जिनमें न्यायालय का आदेश पारित हो चुका है, आदिवासियों को भूमि पर कब्जा दिलाना सुनिश्चित करें। एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों का जल्द से जल्द प्राथमिकता के आधार पर निपटारा सुनिश्चित करें। इसके तहत दर्ज मामले लंबित न रहें, इस पर विशेष ध्यान दें और पूरी गंभीरता से निगरानी करें।” उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि ड्यूटी के दौरान शहीद हुए जवानों के आश्रितों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर मिले।
छीना-झपटी, चोरी, डकैती और लूटपाट की घटनाओं पर हर हाल में रोक लगाएं
उन्होंने पुलिस से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा शिविरों की स्थापना के कारण आम नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। सोरेन ने कहा, “राज्य में कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाए रखना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। छीना-झपटी, चोरी, डकैती और लूटपाट की घटनाओं पर हर हाल में रोक लगाएं।”
शहरी क्षेत्रों में गश्त व्यवस्था को यथासंभव सुदृढ़ करें
उन्होंने कहा, “शहरी क्षेत्रों में गश्त व्यवस्था को यथासंभव सुदृढ़ करें तथा इसकी सतत निगरानी करते रहें। माफिया और पेशेवर अपराधियों की पहचान कर उनके विरुद्ध योजनाबद्ध तरीके से प्रभावी कानूनी कार्रवाई करें, ताकि उनके मन में भय पैदा हो।” उन्होंने कहा कि राज्य के कई शहरों में स्कूल-कॉलेजों के आसपास मादक पदार्थों की अवैध बिक्री के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, इसलिए अधिकारियों को सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
अफीम की खेती पर प्रतिबंध लगाना फोकस क्षेत्रों में से एक
सोरेन ने कहा, “राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अफीम की खेती में लोगों की मदद करने वाले बाहरी लोगों तथा इसकी खेती करने वालों और इसे बाजार में आपूर्ति करने वालों की पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करें। अफीम की खेती पर प्रतिबंध लगाना फोकस क्षेत्रों में से एक है।” झारखंड उच्च न्यायालय ने हाल ही में मादक पदार्थों की तस्करी से प्रभावी तरीके से निपटने में विफल रहने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की थी।