नई दिल्ली: आज संसद में पेश हुए केन्द्रीय बजट 2022-23 में युवाओं को अवसर देते के लिए सरकार ने देश में स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए इस क्षेत्र में प्रभावी मॉडल को अपनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट पेश करते हुए कहा कि, स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में उच्च प्रभावी मॉडल के विनिर्माण और इसके उत्पादन के लिए 19,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा।
इससे ऊर्जा के क्षेत्र में नए व्यवसायों तथा रोजगारों को सृजित करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि, पांच से सात प्रतिशत बायोमास पेलेट को ताप विद्युत संयंत्रों में जलाया जाएगा जिससे प्रतिवर्ष 38 एमएम की कार्बन डाईआक्साइड का उत्सर्जन कम हो जाएगा. वित्त मंत्री ने कोयला से गैस बनाने या कोयले को रसायन में परिवर्तित करने हेतु चार पायलट परियोजनाओं की घोषणा की।
वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केन्द्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा कि, सरकार का उद्देश्य आजादी के इस अमृत काल के दौरान ऊर्जा संक्रमण और जलवायु परख कार्य को बढ़ावा देने का है। उन्होंने कहा कि, देश को आगे ले जाने के लिए इसे प्रमुख प्राथमिकताओं के तौर पर चिन्हित किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा, जलवायु परिवर्तन के जोखिम इस क्षेत्र की सबसे बड़ी बाहरी नकारात्मकताएं हैं जो भारत सहित सभी देशों को प्रभावित करती हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित निम्न कार्बन विकास रणनीति के तहत सतत विकास के प्रति हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
2030 तक 280 गीगावाट सौर ऊर्जा
वित्त मंत्री ने कहा कि, 2030 तक संस्थापित सौर क्षमता के 280 गीगावाट के महत्वकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक घरेलू विनिर्माण को सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा कि अब, अवसंरचना, प्रतिलोमी संभारतंत्र, प्रौद्योगिकी उन्नयन और अनौपचारिक क्षेत्र के साथ एकीकरण के मुद्दों के समाधान पर ध्यान दिया जाएगा वित्त मंत्री ने कहा, इसे विनियमनों, विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व रूपरेखा और नवप्रवर्तनकारी सुविधाकरण को कवर करते हुए सक्रिय जन नीतियों द्वारा समर्थन दिया जाएगा।
5 से 7 प्रतिशत बायोमास पेलेट से बिजली पैदा की जाएगी
वित्त मंत्री ने कहा कि 5 से 7 प्रतिशत बायोमास पेलेट को थर्मल पावर प्लांटों तक ले जाया जाएगा और इससे बिजली पैदा की जाएगी. इससे प्रतिवर्ष 38 एमएमटी कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, इससे किसानों को अतिरिक्त आय होगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और हम खेतों में पराली को जलाने से भी बच जाएंगे।
बड़े वाणिज्यिक भवनों में ऊर्जा सेवा कंपनी (ईएससीओ) कार्य मॉडल की स्थापना करके ऊर्जा दक्षता तथा बचत उपायों को बढ़ावा दिया जाएगा, जो क्षमता निर्माण ऊर्जा ऑडिट के लिए जागरूकता कार्यनिष्पादन संविदा तथा सामान्य माप एवं सत्यापन प्रोटोकाल के लिए सुविधा उपलब्ध कराएगा. उद्योग के लिए जरूरी कोयला गैसीकरण एवं कोयले को रसायनों में परिवर्तित करने के लिए चार पायलट परियोजनाओं का भी प्रस्ताव किया गया, जिससे तकनीकी और वित्तीय व्यवहार्यता आएगी।