KNEWS DESK – बांदा जिले की रहने वाली शहजादी को दुबई में मौत की सजा सुनाई गई है। 33 वर्षीय शहजादी पर एक बच्चे की मौत का आरोप है, जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी उसे सौंपी गई थी। अल वथबा जेल में बंद शहजादी को आने वाले शुक्रवार, 21 फरवरी को जुमे की नमाज के बाद फांसी दी जाएगी।
आखिरी कॉल में छलका दर्द
शहजादी ने 14 फरवरी को अपने पिता शब्बीर खान को फोन कर बताया कि यह उनकी आखिरी कॉल है। उसने कहा,अब्बू… यह मेरी लास्ट कॉल है। मुझे अलग-थलग रखा गया है। जेल कप्तान ने बताया है कि शुक्रवार को फांसी पर लटका दिया जाएगा। इस कॉल के बाद से परिवार का शहजादी से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। पिता ने सरकार से बेटी की जान बचाने की गुहार लगाई है।
कैसे पहुंची अबू धाबी?
शहजादी मूल रूप से बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गोयरा मुगली गांव की रहने वाली है। 2021 में आगरा के रहने वाले उजैर नाम के व्यक्ति ने उसे आलीशान जिंदगी का झांसा देकर अपने जाल में फंसा लिया। उजैर ने उसे आगरा के एक दंपति को बेच दिया, जो बाद में उसे अबू धाबी ले गया।
बच्चे की मौत और फांसी की सजा
अबू धाबी में शहजादी को उस कपल के बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन अचानक बच्चे की मौत हो गई। दंपति ने शहजादी को इसके लिए दोषी ठहराया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और अदालत ने मौत की सजा सुना दी।
सरकार से मदद की अपील
शहजादी के पिता शब्बीर खान ने जिला प्रशासन और भारत सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की है। भारतीय दूतावास ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए समीक्षा याचिका दायर कर दी है। अबू धाबी जेल प्रशासन ने शहजादी को परिवार से बात करने की अनुमति दी, लेकिन सजा पर कोई राहत नहीं मिली है।