KNEWS DESK- हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास को हिन्दू वर्ष का चौथा महीना माना जाता है| आषाढ़ महीने का अमावस्या का दिन बहुत ही खास माना जाता है| जिसे हलहारिणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है| इसके बाद गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है| अमावस्या वाले दिन किसी पवित्र नदी, सरोवर में स्नान और पितरों के निमित्त दान व तर्पण करने का विधान रहता है| इसके अलावा इस दिन पितरों के लिए व्रत करने का भी विधान है| आज हम आपको बताएंगे अमावस्या के दिन पितरों की शान्ति के लिए किए जाने वाले 10 उपाय, जिनमे से आप कोई भी एक उपाय पितरों की शांति के लिए कर सकते हैं|
♦ इस दिन नदी या गंगाजल से स्नान करके पितरों के निमित्त सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करें|
♦ इस दिन पितरों की शांति के लिए आप चाहें तो उपवास रख सकते हैं|
♦ पितरों की शांति के लिए किसी गरीब ब्राह्मण को दान दक्षिणा दें|
♦ पितरों की शांति के लिए किसी भूखे को भरपेट भोजन कराएं|
♦ इस दिन संध्या के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक लगाएं और अपने पितरों का स्मरण करके पीपल की 7 परिक्रमा करें|
♦ इस दिन पितरों की शांति के लिए हवन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए|
♦ इस दिन नदी के किनारे स्नान करने के बाद पितरों का पिंडदान या तर्पण करना चाहिए|
♦ पितरों के निमित्त अमावस्या पर भगवान भोलेनाथ और शनिदेव की विशेष पूजा करके उन्हें प्रसन्न करना चाहिए|
♦अमावस्या पर घर में खीर पूजी आदि बनाकर उसका उपले पर गुड़ घी के साथ पितरों के निमित्त भोग लगाएं|
♦ इस दिन कौवों को अन्न और जल अर्पित करने के साथ ही गाय एवं कुत्तों को भी भोजन कराएं|