उत्तराखंड: राज्य की महिलाओं को मिलेगा 30 प्रतिशत आरक्षण

देहरादून, राज्य में सरकारी पदों पर भर्ती में राज्य की महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण मिलने का रास्ता अब साफ हो गया है। सूत्रों के मुताबिक विधेयक को राजभवन से मंजूरी मिल गई है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह का मुख्यमंत्री ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महिला सशक्तीकरण में यह विधेयक अतिमहत्वपूर्ण है। विधेयक की कानूनी बारीकियों को देखने के बाद यह फैसला लिया गया।
राज्य में लम्बे समय से सरकारी भर्तियों में राज्य की महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की मांग चलती आ रही है। वहीं सरकार भी इसे लेकर गंभीर दिख रही थी। दरअसल राज्य सिविल एवं प्रवर अधीनस्थ सेवा मे बाहरी राज्यों से शामिल महिला अभ्यर्थियों ने राज्यस्तरीय महिला आरक्षण पर आपत्ति जतायी थी। जिसके बाद हाइकोर्ट ने इसपर रोक लगा दी। हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया जहां शीर्ष अदालत ने हाइकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए महिला आरक्षण को फिलवक्त के लिए बहाल कर दिया।जिसके बाद सरकार ने इसे स्थायी व्यवस्था बनाने के लिए और उत्तराखण्ड की महिलाओं के सशक्तीकरण व उनकी मांगों को स्थायी आकार देने के लिए इसे विधेयक बनाकर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जहां 29 नवम्बर को पेश कर 30 नवम्बर को सर्वसम्मति से विधेयक पारित कर राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेज दिया गया। विधेयक में कुछ शाब्दिक ख़ामी आने के कारण इसमे सुधार कर राज्यपाल द्वारा मंजूरी दे दी गयी। अब आने वाले समय में राज्य में राज्य की महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था को स्थायी रूप मिल चुका है|

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