उत्तराखंड: हिट एंड रन का रोष ,जनता का क्या दोष !

उत्तराखंड- देश के साथ ही उत्तराखंड राज्य में भी केंद्र सरकार के नए कानून का जमकर विरोध हो रहा है। हिट एंड रन’ के नए कानून के विरोध में उत्तराखंड में बस, टैक्सी, ऑटो विक्रम और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं। जिसकी वजह से लोगों को यातायात में काफी दिक्कतें हो रही है। उत्तराखंड में लोगों को दिक्कतें इसलिए भी ज्यादा हो रही है क्योंकि न्यू ईयर और वीकेंड के चलते लोग दूर दूर से उत्तराखंड पहुंचें लेकिन नए साल में तमाम यूनियन की हड़ताल से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है जो जहां फंसा वहीं फंसा रह गया है। कई कई किलोमीटर लोग पैदल परेशान होते हुए नजर आए

आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए ‘हिट एंड रन’ कानून में बदलाव किया जा रहा है। ड्राइवर इस कानून का विरोध कर रहे हैं। भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर को 10 साल तक कैद और 7 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। जिसका विरोध किया जा रहा है। साथ ही ड्राइवर यूनियन की ओर से 1 जनवरी से लेकर 3 जनवरी तक हड़ताल का आवाहन किया गया है। जिसकी वजह से दिक्कतें काफी बढ़ने वाली है और इस हड़ताल का असर आम आदमी की रोजमर्रा की चीजों पर भी पड़ रहा है और ट्रक चालकों के हड़ताल पर जाने से गढ़वाल मंडल में तेल और गैस का संकट गहराने का खतरा बढ़ गया है इसके अलावा तेल की आपूर्ति और खाने पीने की चीजों पर भी इसका असर पड़ रहा है। वहीं सरकार का तर्क है कि ये कानून जनहित में है जबकि विपक्ष इसे बीजेपी की तानाशाही  बताते हुए नए कानूनों को तुगलकी फरमान बता रहा है। साथ ही इसे वापस लेने की मांग की जा रही है। सवाल ये है कि जनहित में लाए गये कानून का देशभर में क्यों विरोध किया जा रहा है।

आपको बता दें कि नए कानून के तहत हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर को 10 साल तक कैद और 7 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। जिसका विरोध किया जा रहा है। वहीं इस हड़ताल पर अब फैसला तीन जनवरी को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की दिल्ली में सरकार से होने वाली बैठक के बाद होने की उम्मीद है। हड़ताल जारी रहने से रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं, खाद्य पदार्थ, डीजल, तेल, सीएनजी, गैस की सप्लाई प्रभावित होने का डर है। वहीं कांग्रेस समेत तमाम अन्य दल भी ड्राईवरों की नाराजगी को जायजा मान रहे हैं। साथ ही आंदोलन का समर्थन भी कर रहे हैं। वहीं सत्तापक्ष का कहना है कि नया कानून जनहित में लाया गया कानून है।

कुल मिलाकर देश के साथ ही उत्तराखंड राज्य में भी केंद्र सरकार के नए कानून का जमकर विरोध हो रहा है। हिट एंड रन’ के नए कानून के विरोध में हो रही हड़ताल से आम जनमानस को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं ये हड़ताल लंबी चली तो परेशानी और बढ़ेगी। वहीं प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार जुर्माने की राशि और सजा को कम नहीं करती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा ऐसे में देखना होगा कि क्या केंद्र सरकार प्रदर्शनकारियों की मांग को मानती है या नहीं?

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