उत्तराखंड| अब दिल्ली, मसूरी और नैनीताल के रूटों पर रोडवेज की इलेक्ट्रिक बसें चलेगी। रोडवेज ने इलेक्ट्रिक बसों के सभी बस स्वामियों से 30 मार्च तक प्रस्ताव मांगे है और इसके अलावा पर्वतीय रूटों के लिए 100 डीजल बसों के टेंडर भी निकाले है। यह सारी बसें अनुबंध पर ली जाएगी। रोडवेज के पास अभी 1251 कुल बसों का बेड़ा है, जिनमें से 919 रोडवेज की खुद की बसें है और बाकी बसें अनुबंध पर चल रही है। 100 तो वो बसें है जो अपनी आयु और तय किलोमीटर पूरे कर चुकी है, अब जिनको बेड़े से बाहर किया जाना है। इसलिए रोडवेज ने नई बसें लेने का काम तेज कर दिया है। जिसमें से रोडवेज 100 बसें खुद की खरीद ने वाला है और 160 अनुबंधित बसों के लिए टेंडर भी निकाल दिए गए है। इनमें से 60 बसें इलेक्ट्रिक है और बाकी की 100 अनुबंध बीएस-6 डीजल बसें है। टेंडर में जो शर्ते रखी गई है उनके अनुसार मैदानी रूटों की बसें 42 सीटर और पहाड़ी रूटों की बसें 35 सीटर होंगी। एक बार चार्ज करने पर बैटरी बस की संचालन क्षमता मैदानी रूट पर 350 होंगी और पहाड़ी रूट पर 240 कम से कम 240 होनी चाहिए।
इन रूटों पर चलेगी डीजल बसें
टनकपुर- पिथौरागढ़, टनकपुर- मसूरी, हल्द्वानी- बागेश्वर, हल्द्वानी-नैनीताल, देहरादून-मसूरी, ऋषिकेश-श्रीनगर, कोटद्वार-पौड़ी, कोटद्वार-गैरसैंण, अल्मोड़ा-हल्द्वानी, देहरादून-उत्तरकाशी आदि रूटों पर यह बसें चलेगी।
इन रूटों पर चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें
रोडवेज पहली बार इलेक्ट्रिक बसों को अनुबंध पर लेने लगा है जोकि देहरादून-दिल्ली रूट पर 10, हरिद्वार-दिल्ली रूट पर 10, देहरादून- मसूरी रूट पर 15, हल्द्वानी- नैनीताल रूट पर 15 और हल्द्वानी-दिल्ली रूट पर 10 इलेक्ट्रिक बसें चलेगी।