देहरादून, उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं पर रार थम नहीं रही है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल राज्य में अबतक हुई भर्ती परीक्षाओँ की सीबीआई जांच की मांग कर रहे है। इसके लिए लगातार धरना प्रदर्शन, मुख्यमंत्री आवास कूच किया जा रहा है। एकाएक हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना स्टैंड साफ किया। धामी ने कहा कि वो सीबीआई जांच के खिलाफ नहीं। पर जब वर्तमान भर्ती पूरी हो जाएंगी, लोक सेवा आयोग के कैलेंडर के अनुसार कार्यवाही पूरी हो जाएगी तब जरूरत पड़ने पर सीबीआई जांच करा दी जाएगी। लेकिन यदि अभी सीबीआई जांच शुरू करा दी तो पूरी भर्ती प्रक्रिया रुक जाएगी और यह युवाओं के जनहितों के खिलाफ होगा। वहीं कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस बयान को सिर्फ जनता को भरमाने भर की एक कोशिश बताया…कांग्रेस का कहना है कि नियुक्तियां पाने के बाद यदि कोई दोषी पाया जाएगा
आपको बता दें कि आज भी कांग्रेसियों ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया…वहीं एसटीएफ लगातार पेपर लीक मामले की जांच कर रही है दो दिन पहले ही एसटीएफ ने यूकेएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में 44वीं गिरफ्तारी की है। आए दिन पेपर लीक मामले में गिरफ्तारियां हो रही है….पेपर लीक कराने में आयोग के अधिकारियों की भी मिली भगत सामने आई है जिससे युवाओं में खासी नाराजगी है…..बेरोजगार युवाओं ने भी सरकार से सीबीआई जांच की मांग की है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस गणेश गोदियाल का कहना है कि सरकार भर्ती प्रक्रिया जारी रखें लेकिन सीबीआई जांच भी कराए जिससे अपराधियों में डर हो….वहीं बीजेपी विधायक खजान दास का कहना है कि कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही है।
कुल मिलाकर उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओँ पर मचा घमासान थम नही रहा है…..रोजाना इस पर सियासत देखने को मिल रही है। हांलाकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना स्टैंड तो साफ कर दिया है कि वह सीबीआई जांच के खिलाफ नहीं है लेकिन सवाल ये है कि क्या भर्ती परीक्षाओं को जारी रखते हुए क्या सीबीआई जांच नहीं की जा सकती है। क्या जिन राज्यों में पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच हो रही तो क्या इन राज्यों की सरकारें युवाओं का भविष्य खराब करना चाहती है, ऐसे अनगिनत सवाल अपने जवाब का इंतजार कर रहे हैं।