उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में डेंगू का डंक लगातार बढ़ता जा रहा है। आलम ये है कि उत्तराखंड में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 1100 के पार पहुंच गया है और लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसे देखते हुए सरकार ने अस्पतालों के लिए गाइडलाइन जारी की है। जिसमें 20 हजार तक प्लेटलेट्स गिरने पर ही प्लेटलेट्स प्रेस्क्राइब करने और स्वस्थ मरीजों को एडमिट न करने के निर्देश दिए गए हैं। हांलाकि इन सबके बावजूद कई अस्पताल रुपए ऐंठने के चक्कर में मरीजों को कई दिन तक अनावश्यक भर्ती कर रहे हैं। इस वजह से वास्तव में बीमार मरीजों को बेड मिलने में दिक्कत हो रही है। देहरादून, हरिद्वार में तो स्थिति विकट होती जा रही है। जहां अस्पतालों में पैर रखने तक की जगह नहीं है….इसको देखते हुए लगातार अधिकारियों के औचक निरीक्षण भी जारी है….वहीं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सभी डीएम और सीएमओ को निर्देश दिए है कि सरकार की गाईडलाईन का अनुपालन हो…मरीजों से अधिक वसूली ना हो..जो भी अस्पताल नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कि जाए…..वहीं राज्य में डेंगू के बढ़ते मामलो पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकारी आंकड़े वास्तविकता से अलग है। सरकार के आंकड़ें काफी कम है….वहीं आम आदमी पार्टी ने नगर निगम कार्यालय का घेराव किया है। आप पार्टी का आरोप है कि समय रहते नदी नालियों की साफ सफाई ना होने से देहरादून में डेंगू ने विकराल रुप ले लिया है। वहीं सत्तापक्ष ने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सरकार डेंगू की रोकथाम के लिए कार्य कर रही है।
उत्तराखंड में डेंगू लगातार अपना कहर बरपा रहा है। आलम ये है कि उत्तराखंड में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 1100 के पार पहुंच गया है और लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसे देखते हुए सरकार ने अस्पतालों के लिए गाइडलाइन जारी की है। जिसमें 20 हजार तक प्लेटलेट्स गिरने पर ही प्लेटलेट्स प्रेस्क्राइब करने और स्वस्थ मरीजों को एडमिट न करने के निर्देश दिए गए हैं। हांलाकि इन सबके बावजूद कई अस्पताल रुपए ऐंठने के चक्कर में मरीजों को कई दिन तक अनावश्यक भर्ती कर रहे हैं। इस वजह से वास्तव में बीमार मरीजों को बेड मिलने में दिक्कत हो रही है। देहरादून, हरिद्वार में तो स्थिति विकट होती जा रही है। जहां अस्पतालों में पैर रखने तक की जगह नहीं है….इसको देखते हुए लगातार अधिकारियों के औचक निरीक्षण भी जारी है….वहीं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सभी डीएम और सीएमओ को निर्देश दिए है कि सरकार की गाईडलाईन का अनुपालन हो…मरीजों से अधिक वसूली ना हो..जो भी अस्पताल नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कि जाए…..वहीं राज्य में डेंगू के बढ़ते मामलो पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकारी आंकड़े वास्तविकता से अलग है। सरकार के आंकड़ें काफी कम है…. वहीं सत्तापक्ष ने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सरकार डेंगू की रोकथाम के लिए कार्य कर रही है।
वहीं राज्य में डेंगू के बढ़ते मामलों पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार पर डेंगू से निपटने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने देहरादून में डेंगू की विकराल होती स्थिति के लिए स्मार्ट सिटी के अधूरे कार्यों को जिम्मेदार बताया है। करन माहरा ने कहा कि डेंगू विकराल रूप धारण कर चुका है। कोविड के दौरान तो सरकार के पास, जानकारी नहीं होने का बहाना था, लेकिन डेंगू तो हर साल होता है। फिर भी सरकार की कोई तैयारी नहीं थी। उल्टा आधे अधूरे निर्माण कार्यों में बरसाती पानी फंस कर लार्वा तैयार कर रहा है। माहरा ने आरोप लगाया कि कहीं भी फॉगिंग नहीं हो रही है। वहीं आम आदमी पार्टी की ओर से शहर में डेंगू के मामले बढ़ने पर नगर निगम के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। प्रदेश उपाध्यक्ष उमा सिसोदिया के नेतृत्व में निगम पहुंचे कार्यकर्ताओं ने नगर निगम और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पार्टी के गढ़वाल मीडिया प्रभारी रविंद्र आनंद ने कहा कि डेंगू ,मलेरिया के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे समय सभी जिम्मेदार अधिकारियों को फील्ड में निकलकर प्रभावित इलाकों में फॉगिंग और लार्वीसाइड का छिड़काव करवाना चाहिए। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा
कुल मिलाकर एक तरफ जहां राज्य में डेंगू से हाहाकार है तो दूसरी तरफ डेंगू पर सियासत ने माहौल को गरमा दिया है। निश्चित ही बढ़ते मामले सरकार की चिंता को बढ़ा रहे हैं लेकिन समय रहते यदि सरकार विकराल स्थिति से निपटने की तैयारी करती तो शायद लोगों को इतना परेशान ना होना होता…..यदि सरकारी अस्पतालों में सेवाएं बेहतर होती तो प्राईवेट अस्पताल मरीजों और तीमारदारों को आर्थिक बोझ का डंक नहीं मारते…हर साल डेंगू महामारी आने के बाद भी सरकार के इंतजाम पटरी से उतरना चिंता की बात है…देखना होगा क्या सरकारी सिस्टम में सुधार देखने को मिलेगा या नहीं