माँ के लिए श्रवण बन गई बेटी 

 
कलयुग में भी हमारे बीच श्रवण कुमार जैसे कई उदाहरण मौजूद है जो अपने माता पिता की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते है   उसी का एक उदाहरण एक 14 साल की खुशी ने समाज में पेश किया  जब पूजा की माँ की इच्छा पूरी करने के लिए पूजा 80 किलोमीटर तक अपनी माँ को साइकिल में बैठाकर नीलकंठ पहुच गई   
बात 22 जुलाई की है जब खुशी की मां ने नीलकंठ धाम में जलाभिषेक करने की इच्छा जताई बस फिर क्या था माँ की इच्छा जानते ही खुशी ने अपनी साइकिल उठाई और बिना कुछ सवाल किए माँ को साइकिल के पीछे बैठाकर निकल पड़े नीलकंठ की ओर   खुशी ने करीब 80 किमी दूर नीलकंठ धाम अपनी माँ को बैठकर यात्रा की  खुशी और उसकी माँ  22 जुलाई को घर से नीलकंठ धाम के लिए निकले थे   वे लोग 23 जुलाई शाम लक्ष्मणझूला पहुंचे  24 जुलाई को सुबह नीलकंठ में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के बाद अब वापस रुड़की की ओर रवाना हो रहे हैं  कांवड़ यात्रा के बीच रविवार को धाम में जलाभिषेक करने के बाद वापस लौट रही खुशी और उसकी मां सुषमा देवी साइकिल पर दिखाई दिए और न्यूज एजेंसियों से पूछने पर रुड़की निवासी सुषमा देवी ने बताया कि उनकी इच्छा थी कि वह नीलकंठ धाम में जलाभिषेक के लिए जाएगी और इच्छा को जानते ही उनकी 14 वर्षीय बेटी खुशी ने बिना कुछ कहे उनकी यह इच्छा पूरी करने की ठान ली  ऐसे में खुशी की माँ ने भावुक होते हुए  कहा उनकी बेटी उनके लिए किसी श्रवण कुमार से कम नहीं है।  
 
कलयुग में भी हमारे बीच श्रवण कुमार जैसे कई उदाहरण मौजूद है जो अपने माता पिता की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते है   उसी का एक उदाहरण एक 14 साल की खुशी ने समाज में पेश किया  जब पूजा की माँ की इच्छा पूरी करने के लिए पूजा 80 किलोमीटर तक अपनी माँ को साइकिल में बैठाकर नीलकंठ पहुच गई   
बात 22 जुलाई की है जब खुशी की मां ने नीलकंठ धाम में जलाभिषेक करने की इच्छा जताई बस फिर क्या था माँ की इच्छा जानते ही खुशी ने अपनी साइकिल उठाई और बिना कुछ सवाल किए माँ को साइकिल के पीछे बैठाकर निकल पड़े नीलकंठ की ओर   खुशी ने करीब 80 किमी दूर नीलकंठ धाम अपनी माँ को बैठकर यात्रा की  खुशी और उसकी माँ  22 जुलाई को घर से नीलकंठ धाम के लिए निकले थे   वे लोग 23 जुलाई शाम लक्ष्मणझूला पहुंचे  24 जुलाई को सुबह नीलकंठ में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के बाद अब वापस रुड़की की ओर रवाना हो रहे हैं  कांवड़ यात्रा के बीच रविवार को धाम में जलाभिषेक करने के बाद वापस लौट रही खुशी और उसकी मां सुषमा देवी साइकिल पर दिखाई दिए और न्यूज एजेंसियों से पूछने पर रुड़की निवासी सुषमा देवी ने बताया कि उनकी इच्छा थी कि वह नीलकंठ धाम में जलाभिषेक के लिए जाएगी और इच्छा को जानते ही उनकी 14 वर्षीय बेटी खुशी ने बिना कुछ कहे उनकी यह इच्छा पूरी करने की ठान ली  ऐसे में खुशी की माँ ने भावुक होते हुए  कहा उनकी बेटी उनके लिए किसी श्रवण कुमार से कम नहीं है।  

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