उत्तराखंड: कौन किस पर भारी, जनता की बारी !

उत्तराखंड- उत्तराखंड में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मतदान का इंतजार खत्म हो गया है। 19 अप्रैल को राज्य की पांच लोकसभा सीटों में होने वाले मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। वहीं चुनावी प्रचार का शोर थमने के साथ ही राज्य में पांचों सीटों का आंकलन भी शुरू हो गया है। भाजपा- कांग्रेस इस चुनावी दंगल में आमने सामने है। वहीं राज्य में कई दिनों से जारी चुनाव प्रचार थमने के बाद गढ़वाल की तीन सीटों पर कांग्रेस उम्मीद के विपरीत पहले से बेहतर स्थिति में दिख रही है। स्टार वार व संसाधन उपयोग में कांग्रेस को मीलों पीछे छोड़ने के बाद भी भाजपा खेमे में बेचैनी और हड़कंप की स्थिति है। वहीं राज्य की तीन लोकसभा सीटों में मुकाबला काफी दिलचस्प होता जा रहा है। जिसमें पौड़ी में गणेश गोदियालहरिद्वार में पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत और टिहरी में जोत सिंह गुंसोला के आक्रामक चुनाव प्रचार से कांग्रेस 2024 में नये प्लेटफार्म पर खड़ी दिखाई दे रही है। शुरुआती दौर में जहां इन तीनों सीट पर भाजपा का क्लीन स्वीप माना जा रहा था लेकिन चुनाव प्रचार थमने के बाद स्थिति काफी बदली बदली नजर आ रही है। वहीं प्रियंका गांधी की चुनावी रैली के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता उत्साह के साथ प्रचार में जुटे है। साथ ही पांचो सीटों पर जीत का भी दावा कर रहे हैं। वहीं भाजपा की बात करें तो भाजपा मोदी मैजिक और डबल इंजन की रफ्तार के साथ विकास के दावे के जरिए 400 पार सीटें जीतने का दावा कर रही है। सवाल ये है कि 2024 की चुनावी लड़ाई में क्या मोदी मैजिक विपक्षी दलों की तैयारियों पर भारी पड़ेगा या फिर बेरोजगारी, महंगाई समेत तमाम मुद्दे विपक्षी दलों की जीत का हथियार बनेंगी।

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान के लिए इंतजार की घड़ी खत्म हो गई है। पहले चरण में ही राज्य की पांचों सीटों पर मतदान होना है इसके लिए निर्वाचन आयोग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। प्रदेशभर में 11729 पोलिंग बूथ बनाए गये हैं। जहां सुबह 7 बजे से ही मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी। राज्य की पांचों सीटों पर इस बार कुल 55 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। वहीं राज्य की 83 लाख 37 हजार से अधिक की जनता इन सभी प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेगी। वहीं उत्तराखंड में इस बार 18 से लेकर 39 साल तक की उम्र के 40,33,278 युवा अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

आपको बता दें कि उत्तराखंड में 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में राज्य की पांचो लोकसभा सीटें भाजपा के खाते में गई थी। भाजपा जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वास्त है कि एक बार फिर प्रदेश की जनता पांचों सीटों से भाजपा के प्रत्याशियों को भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज कराएगी। हालांकि कांग्रेस का तर्क है कि परिस्थिति कांग्रेस के पक्ष में है। एक तरफ जहां बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई से जनता परेशान है तो दूसरी ओर भाजपा सांसदों के प्रति जनता में काफी आक्रोश है। इसके अलावा कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि उनके कार्यक्रमों में उमड़ रही भीड़ इस बात का संकेत है कि वह कांग्रेस के पक्ष में मतदान करेंगे।

कुल मिलाकर राज्य की पांच लोकसभा सीटों में होने वाले मतदान के लिए इंतजार खत्म हो गया है। वहीं एक तरफ जहां भाजपा डबल इंजन की रफ्तार से विकास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहारे 400 पार का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस एंटी इंकंबेंसी के साथ ही बेरोजगारी, महंगाई, अग्निवीर योजना समेत तमाम मुद्दों के सहारे जीत का दावा कर रहे हैं ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि 2024 का चुनावी परिणाम किसके पक्ष में जाता है।

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