उत्तराखंड- उत्तराखंड के चमोली जिले के गांव पन्ना में एक अनोखी परंपरा का पालन किया जाता है। यहां दुल्हनों को पालकी में बिठाने के बजाय घोड़ों पर बैठाया जाता है।
निवासी दिनेश सिंह ने कहा कि “दुल्हन को घोड़ी पर विदाई देते हैं हम यहां पर और दुल्हन जो आती है यहां पर वो भी घोड़ी पर ही आती है। यहां पर डोली का कोई सिस्टम नहीं है। क्योंकि सदियों पहले से ही यहां पर दुल्हन को घोड़े से ही लाया और ले जाया जाता है और ये परंपरा दादा ऋषियों से है।”
ग्रामीणों का कहना है कि वे देवी नंदा देवी का सम्मान करने के लिए पालकी के बजाय घोड़ों का इस्तेमाल करते हैं। नंदा देवी को वार्षिक राज जात यात्रा पर पालकी में कैलाश पर्वत तक ले जाया जाता है।
निवासी दिनेश सिंह ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि “सारी सुविधाएं हैं यहां पर आज की डेट में लेकिन यहां पर नंदा देवी क्षेत्र होने के कारण मां नंदा देवी का स्थान होने के कारण मां नंदा देवी को सर्वोपरि माना गया है इसलिए आजतक यहां पर दुल्हन को डोली पर नहीं बैठाया जाता है और घोड़े पर ही लाया और ले जाया जाता है।”
कुछ लोगों का यह भी मानना है कि पहाड़ी रास्ता होने की वजह से पालकी पर यात्रा करना मुश्किल होता है, इसलिए गांव में दुल्हनों की विदाई या स्वागत के लिए घोड़ों का ही इस्तेमाल किया जाता है।
ये भी पढ़ें- राजनीति में जल्द उतरेंगे रणदीप हुड्डा, बीजेपी की तरफ से लड़ सकते हैं चुनाव!