लखनऊ- कृषि प्रसंस्करण समूह द्वारा न्यूनतम निवेश 25 करोड़ (5 इकाई) के परियोजना लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़, बैकवर्ड और फारवर्ड लिंकेज के तहत फार्म गेट पर संस्करण केंद्र, संग्रह केंद्र, कोल्ड स्टोरेज ड्राई वेयरहाउस, मोबाइल प्री कूलिंग यूनिट, रेफर ट्रक, आईक्यूएफ की सुविधा वितरण केंद्र और खुदरा आउटलेट परियोजना लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम 5 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है|
योगी सरकार प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-23 लेकर आई है। इसके तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने पर तमाम तरह की सब्सिडी एवं अन्य सहूलियतें दी जा रही हैं। योगी सरकार निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें अनुदान, ब्याज उपादान, परिवहन अनुदान समेत अतिरिक्त सुविधाएं दे रही है। इसे योगी सरकार ने चार भागों में विभाजित किया है, जिसमें पहला परियोजनाओं के अनुदान, दूसरा ब्याज उपादान, तीसरा परिवहन अनुदान और चौथा प्रमुख प्रोत्साहन विशेषताएं हैं। इतना ही नहीं योगी सरकार की इन सहूलियतों को लाभ लेने के लिए निवेशकों को विभाग के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं है। वह ऑनलाइन आवेदन कर इसका लाभ उठा सकते हैं।
परिवहन पर कुल लागत का 25 प्रतिशत दिया जा रहा अनुदान
योगी सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए निवेशकों को दे रही है। मोबाइल प्रीकूलिंग यूनिट रेफर वैन पर के ऋण पर अधिकतम पांच वर्ष के लिए 50 लाख पर ब्याज उपादान की सुविधा दी जा रही है। वहीं खाद्य प्रसंस्करण इकाई से निर्यातक देश तक परिवहन लागत का 25 प्रतिशत परिवहन अनुदान भी दिया जा रहा है। इसके साथ प्रमुख प्रोत्साहन विशेषताओं के तहत गैर कृषि उपयोगी की घोषणा पर 2 प्रतिशत शुल्क पर छूट, सरकारी भूमि के विनिमय पर सर्किल रेट पर 25 प्रतिशत की छूट, भूमि उपयोग का रुपांतरण पर परिवर्तन शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट, बाहरी विकास शुल्क पर 75 प्रतिशत छूट, भूमि क्रय हेतु स्टांप शुल्क की प्रतिपूर्ति, प्रदेश में प्रसंस्करण के लिए खरीदे गए कच्चे माल पर मंडी शुल्क, उपकार में छूट, प्रसंस्करण इकाइयों द्वारा कृषकों से सीधे खरीदे कृषि उत्पाद पर मंडी शुल्क और उपकार शुल्क में छूट दी जा रही है। योगी सरकार की इन सभी रियायतों को फायदा उठाने के लिए निवेश पोर्टल http://niveshmitra.up.nic.in पर आवेदन कर सकते हैं।