लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच पर नगरीय निकाय चुनाव को लेकर आज आने वाला फैसला फिलहाल गुरुवार तक के लिये टल गया है। बता दें कि कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और कल फिर सुनवाई के बाद ही हाईकोर्ट इस मामला पर अपना फैसला सुनाएगा। ऐसे में अधिसूचना जारी करने पर लगी रोक अभी बरकार रहेगी। निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल जनहित याचिकाओं की सुनवाई चल रही थी। लगभग 2:45 से शुरू हुई बहस के दौरान याचियों की ओर से दलील दी जा रही है कि निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण एक प्रकार का राजनीतिक आरक्षण है, इसका सामाजिक, आर्थिक अथवा शैक्षिक पिछड़ेपन से कोई लेना देना नहीं है, लिहाजा ओबीसी आरक्षण तय किए जाने से पूर्व सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत डेडिकेटेड कमेटी द्वारा ट्रिपल टेस्ट कराना अनिवार्य है।
उत्तर प्रदेश में 545 नगर पंचायत, 200 नगर पालिका परिषद और 17 नगर निगम के अध्यक्ष, महापौर और पार्षद सीटों के लिए चुनाव होना है। निकाय चुनाव के लिए बीजेपी, सपा, कांग्रेस, बसपा, आरएलडी, अपना दल, और निषाद पार्टी सहित सभी राजनीतिक दलों के लाखों दावेदार मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी राजनीतिक दलों के साथ-साथ चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की निगाहें लगी हुई हैं।
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