KNEWS DESK- लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति जोरों पर है। राज्य में एक बार फिर से बंटवारे की मांग शुरू हो गई है। केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता संजीव बालियान ने बीते रविवार को एक सभा में कहा कि वह पश्चिम प्रदेश यानी पश्चिमांचल की मांग का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि यूपी का पश्चिमी क्षेत्र अगर राज्य बनता है तो उसकी राजधानी मेरठ होगी।
बसपा के बंटवारे का नहीं पड़ा कोई असर
यूपी को चार हिस्सों- पूर्वांचल, पश्चिमांचल, बुंदेलखंड और अवध प्रदेश में बांटने की मांग कोई नई नहीं है। साल 2011 में बहुजन समाज पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री मायावती ने इस बाबत विधासनभा में प्रस्ताव पेश किया था, जिसे ध्वनिमत के साथ पारित किया गया था। बसपा के इस प्रस्ताव का कोई खास असर नहीं पड़ा क्योंकि राज्यों के बंटवारे में मुख्य भूमिका संसद और केंद्र सरकार की होती है।
बसपा के खिलाफ थी सपा
बसपा सरकार के इस प्रस्ताव को जहां समाजवादी पार्टी ने सिरे से खारिज कर दिया था। वहीं भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने इस पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी। विपक्षी दलों ने उस वक्त बसपा के इस प्रस्ताव को राजनीतिक स्टंट करार दिया था। साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले जब सीएम योगी आदित्यनाथ से इस पर सवाल किए गए थे तो उन्होंने कहा था कि हम तोड़ने नहीं जोड़ने में विश्वास रखते हैं।
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संजीव बालियान के बयान से गए ये संदेश!
अब संजीव बालियान के बयान ने यूपी के पश्चिमी क्षेत्र में नया मुद्दा जोड़ दिया है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के पहले यह मुद्दा जोर पकड़ सकता है। बता दें पश्चिमी यूपी में कुल 26 जिले आते हैं. इसमें मेरठ, बुलन्दशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड, बागपत, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मोरादाबाद, बिजनोर, रामपुर, अमरोहा, संभल, बरेली, बदायूँ, पिलीभीत, शाहजहाँपुर, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ, एटा, हाथरस, कासगंज, इटावा, औरैया और फर्रुखाबाद शामिल हैं।
लोकसभा सीट के तौर पर बात करें तो पश्चिमी यूपी में शाहजहांपुर, बरेली, बदायूं, अमरोहा, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, संभल, सहारनपुर, रामपुर, पीलीभीत, नगीना, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, मेरठ, मथुरा, अलीगढ़, एटा, मैनपुरी, कैराना, हाथरस, फिरोजाबाद, फर्ररुखाबाद, फतेहपुर सीकरी, इटावा, बुलंदशहर, बिजनौर, बागपत, अमरोहा, आंवला, अलीगढ़ और आगरा शामिल है।
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