उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मुख्यमंत्री के रूप में चार साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। इस बीच धामी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकेतों को समझा भी और उसे अपने आचरण का हिस्सा भी बनाया। प्रधानमंत्री ने भी धामी सरकार की पीठ थपथपाकर अच्छे कार्यों को सराहा। साथ ही हर संभव सहायता देकर प्रदेश के विकास की राह तैयार की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने पद संभालने के बाद सबसे बड़ी चुनौती विधानसभा चुनाव थी। कारण यह कि राज्य गठन के बाद जितने भी विधानसभा चुनाव हुए. इसमें कोई भी सत्तारूढ़ दल लगातार दूसरी बार जीत नहीं दर्ज कर पाया था. मुख्यमंत्री धामी ने इस मिथक को तोड़ा और बीजेपी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। बीजेपी हाईकमान ने भी इसका श्रेय धामी को देते हुए उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री पद का दायित्व सौंपा। इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने कई अहम निर्णय लिए। धामी प्रदेश भर में सक्रिय रहे और हर क्षेत्र में पहुंचने का प्रयास किया। सिल्क्यारा टनल प्रकरण में उनकी सक्रियता और केंद्र के सहयोग का ही नतीजा रहा है कि यह ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन से भी प्रदेश की अलग पहचान बनीं। अब अपने चार साल का कार्यकाल पूरा कर वह बीजेपी की सरकारों में सबसे लंबा कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं। वही विपक्ष की माने तो उनका कहना है कि धामी सरकार के यह चार साल जनता की भावनाओं से बहुत ही निराशाजनक रहे।
उत्तराखंड में धामी सरकार के चार साल पूरे हो गए है। ऐसे में धामी सरकार ने इन चार सालों में राज्य के विकास के लिए कई ऐसे कठोर कदम उठाए जो भविष्य के लिए ऐतिहासिक होंगे। मुख्यमंत्री धामी के कार्यकाल में राज्य में समान नागरिक संहिता कानून हो, सख्त भू कानून हो या फिर सख्त धर्मांतरण कानून हो सभी राज्य के लिए ऐतिहासिक रहे। धामी सरकार राज्य के विकास के लिए संकल्पवद है। पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड बीजेपी के सबसे लंबे कार्यकाल के मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्होंने आज मुख्यमंत्री रहते 4 साल पूरे कर लिए हैं। 4 जुलाई 2021 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 2022 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद दोबारा फिर से उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया। दोनों कार्यकाल में उन्होंने आज 4 साल पूरे किये है। राज्य गठन से लेकर अब तक नारायण दत्त तिवारी को छोड़कर उत्तराखंड में भाजपा सरकारों में कोई भी मुख्यमंत्री लगातार 4 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। राजनीतिक अस्थिरता के कारण केंद्रीय नेतृत्व में यहां बार-बार मुख्यमंत्री बदले। पुष्कर सिंह धामी अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं. जो 4 साल तक लगातार बने रहे। लेकिन उनके सामने अभी रिकॉर्ड बनाना बाकी है। 5 साल तक अगर वह लगातार मुख्यमंत्री बन रहे हैं, तो बीजेपी सरकारों का यह रिकॉर्ड होगा। राज्य गठन के बाद 2002 से 2007 तक कांग्रेस के एनडी तिवारी ऐसे मुख्यमंत्री थे जो लगातार 5 साल का कार्यकाल पूरा कर पाए थे। उसके बाद न तो कांग्रेस सरकार में और ना ही बीजेपी सरकार में कोई मुख्यमंत्री पाँच साल तक चल पाया। धामी सरकार में भी कई बार नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा चलती रही। अब उनके सामने यह बड़ी चुनौती है कि वह 5 साल तक टिक पाते हैं या नहीं। 2022 के विधानसभा चुनाव में खटीमा से चुनाव हारने के बाद भी बीजेपी नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया। इसके बाद मार्च 2022 में पुष्कर सिंह धामी को फिर से प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। तब से लेकर अब तक केंद्रीय नेतृत्व के लिए धामी उत्तराखंड में भाजपा के सबसे विश्वसनीय चेहरा साबित हुए हैं। कई अहम निर्णय को लेकर भी धामी ने देश भर में सुर्खियां बटोरी हैं। उसमें यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात हो या फिर नकल विरोधी कानून या धर्मांतरण जैसे बड़े कानून की बात हो, जिनकी चर्चाएं देशभर में रही। वही इन सब के बीच विपक्ष का कहना है कि धामी सरकार के यह चार साल जनता के लिए बेरोज़गारी, लचर कानून विवस्ता, महंगाई के चलते बहुत ही निराशाजनक रहे।