ठेकों पर धड़ल्ले से बेची गई ओवर रेट शराब,नियमों को किया दरकिनार

रिपोर्ट:रीतेश चौहान

बदायूं:  शिकायती पत्र देने के बाद भी बदायूं के देशी व इंग्लिश दारू के ठेकों पर कोई प्रभाव नही पड़ा है,लगातार अवैध तरीके से व ओवर रेट बेची गई शराब, इतना ही नही 600 रु की बोटल 800 से 900 तक की दी गई है,


सरकारी देशी व इंग्लिश ठेकों पर रेट पर न बेच कर दस रुपए से लेकर वीस रूपये प्रति क्वाटर ओवर रेट बेची जा रही है, शराब यह कार्य शराब दुकान पर वैठे सेल्समेन करते नजर आये मगंलवार को होली से एक दिन पूर्व शराब के ठेकों पर लम्बी भीड़ थी, जिसकी वजह से ओवर रेट शराब वेची जा रही थी यहां के सुरा प्रेमियों ने बताया कि यह फ्रूटी पिचहत्तर रुपए की मिलती तो आज पिचासी रुपए की खुले आम बेची जा रही है यहां म्याऊं में देशी शराब की दुकान पर आए दिन झगड़ा फसाद होता रहता है, यहां ओवर रेट की वजह से आए दिन सेल्समैन और ग्राहक के बीच दुकानों पर झगड़े अक्सर हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार मौन धारण किये हुए हैं

गौरतलब है कि अंग्रेजी हो या फिर देसी शराब ब बीयर की दुकान बरावर सभी दुकानों है जिसमे देशी शराब  में प्रिंट रेट से दस रुपए से लेकर अधिक दर पर बेची जा रही थी,साथ ही शराब की दुकानों पर रेट लिस्ट भी नहीं लगी है,और न ही उनके कैमरे चल रहे है लोगो का यह भी कहना है कि यहां की देशी शराब मिलावटी है वहीं शराब की मिल रही शिकायत के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं होती म्याऊ से उसहैत रोड शराब के ठेके हैं मंगलवार शाम को ठेके पर भीड़ लग गई,इसके अलावा,इस कारण से वे शराब दुकानदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं,लगभग तीन माह पहले दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के एक अधिवक्ता ने लिखित तहरीर देते हुए ओवर रेट शराब विक्री की शिकायत की थी लेकिन कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति कर दी गयी जिसके कारण म्याऊ में शराब सेल्समेनों के हौसले बुलन्द हैं वहीं शराब सेल्समेनों की वजह से म्याऊ में बड़ी घटना घट सकती है,अगर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने ध्यान नही दिया तो कोई भी कभी बड़ी घटना हो सकती है, ठेकेदारों व सेल्समैनो के हौसले इतने बुलन्द हैं कि साफ साफ बोल देते हैं हमारा कोई कुछ नही कर सकता है हर जगह पैसे देते हैं हम लोग, फिलहाल अवैध तरीके से बिक्री की वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है जिसमे 75 रु का क्वाटर 80 देने की बात कही जा रही है,

‘अधिकारी खबर से अंजान है’

वहीं वायरल वीडियो के मामले मामले में जिला आबकारी अधिकारी व अन्य उच्चाधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई लेकिन बो सवालों से बचते नजर आए हैं.

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