मुरादाबाद : सपा की महिला सभा पूर्व प्रदेश सचिव ने की पार्टी विरोधी कार्यकर्ता की लिखित शिकायत, लेटर पैड हुआ वायरल

रिपोर्ट-अरहम अली (ब्यूरो चीफ)

मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव संपन्न होने के बाद मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी में गुटबाजी बढ़ती दिख रही है। नगर निकाय चुनाव होने से पहले ही पूर्व महानगर अध्यक्ष शाने अली शानू को पार्टी द्वारा हटाकर नया महानगर अध्यक्ष इकबाल हुसैन अंसारी को पार्टी द्वारा नियुक्त किया गया है। जब से ही समाजवादी पार्टी कई अलग-अलग गुटों में बटती हुई दिखाई दे रही है हालांकि नगर निकाय चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के पार्षद उम्मीदवारों ने सपा मेयर प्रत्याशी की मीटिंग में कई सपा कार्यकर्ताओं पर पार्टी विरोधी के आरोप भी लगाए थे उनका साफ कहना था कि पार्टी के प्रत्याशी को चुनाव ना लड़ा कर अन्य दूसरे प्रत्याशी को पार्टी के कार्यकर्ता चुनाव लड़ा रहें है इस बात का मुद्दा नगर निकाय चुनाव के दौरान कई बार उठा परंतु चुनाव के दौरान किसी भी पार्टी कार्यकर्ता पर कार्यवाही नहीं की गई थी अब नगर निकाय चुनाव को कई महीने बीत जाने के बाद समाजवादी पार्टी में महिला सभा की पूर्व प्रदेश सचिव मीनू रत्नाकर का एक लेटर पैड सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

दरअसल आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के लेटर पैड में साफ लिखा है की मीनू रत्नाकर पार्टी की हमेशा से सेवा करती चली आईं हैं वह 2011 के जेल भरो आंदोलन में 3 दिन का कारावास भी उन्हें हो चुका है और वह हाल ही में हुए नगर निकाय 2023 के चुनाव में वार्ड संख्या 11 से वह समाजवादी पार्टी से पार्षद पद के लिए प्रत्याशी थीं। उनका कहना है कि जब समाजवादी पार्टी ने ही उन्हें पार्षद पद से वार्ड 11 से उन्हें प्रत्याशी बनाया था तो उन्हें सपा पूर्व महानगर उपाध्यक्ष हारुन पाशा ने उनके विरोध में अन्य किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ाया जिसकी वजह से वह चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। मीनू रत्नाकर वर्तमान में मुरादाबाद से महिला सभा की महानगर अध्यक्ष भी हैं उन्होंने अपने लेटर पैड पर सपा पूर्व महानगर उपाध्यक्ष हारून पाशा की लिखित शिकायत महानगर अध्यक्ष इकबाल हुसैन अंसारी से की है। और लिखा है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हारून पाशा को तुरंत समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया जाए। हालांकि पूर्व में रहे महानगर अध्यक्ष शाने अली शानू ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को देखते हुए कई सपा नेताओं को निष्कासित किया था। अब देखना यह होगा कि मीनू रत्नाकर के इस लेटर पैड पर कितनी कार्यवाही होती है।

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