लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बीकेटी के शिवपुरी गांव का मामला है जहां पर किसानों का आरोप है कि बीकेटी एसडीएम चकबंदी अधिकारी कुछ प्राइवेट कंपनियों को लाभ पहुँचाने के लिए जबरन चकबंदी कराने के लिए लगे हुए है। जिसमें बड़े लेवल पर धांधली बाजी हो रही है। हमारी उपजाऊ जमीनों को बंजर, और तराई भूमि में तब्दील करने की बड़ी साजिश लगातार की जा रही है। साजिशन प्रशासन 3 बार किसानो के बीच जनमत करा चुका है। सफल नही होने पर अब प्रशासन चौथी बार साजिश कर रहा है। कुछ अधिकारी मिलीभगत करके सीतापुर हाइवे मेन रोड की जमीन को तराई क्षेत्र में डालने की सौदेबाजी का खेल खेल रहे है जिसका किसान विरोध कर रहें हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि शिवपुरी गांव में चकबंदी को लेकर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि चकबंदी अधिकारी और एसडीएम की मिलीभगत के चलते हमारी जमीनों की मालकियत कम करके और जमीनों को कम करके उपजाऊ जमीन को बंजर भूमि में तब्दील करने का काम आला अधिकारी कर रहे हैं जिससे हम अपने यहां चकबंदी न करने की अपील करते हैं इसको लेकर कई बार डीएम तक की और शहरी आवासी विकास मंत्री कौशल किशोर तक की आवाज उठाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई जिसको लेकर आज फिर वोटिंग हो रही है ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री तक की और मांग की है कि जबरन चकबंदी ना कराई जाए।
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