रिपोर्ट – सिद्धार्थ द्विवेदी
उत्तर प्रदेश – हमीरपुर में आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय रेप पीड़ितों के परिजनों से मिलने उनके गाँव पहुंचे थे। यहाँ इन्होने पीड़ित माँ से मिलते हुए कुछ आर्थिक मदद की और आगे भी हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा की बुन्देलखण्ड इलाका बेहद पिछड़ा हुआ इलाका है यहाँ के लोग बेटियों के साथ पलायन करने का मजबूर हैं, उसी का नतीजा है की ईंट भट्ठे में काम करते समय दो बेटियों के साथ वीभत्स वारदात हुई और डरा धमका कर उनके पिता को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया। सरकार ने आर्थिक मदद के नाम पर इस परिवार को सिर्फ 25-25 हज़ार की मदद दी है।
संभव मदद का दिया आश्वासन
आपको बता दें कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को हमीरपुर में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए दो बजे दिन में उनके गाँव पहुंचना था, लेकिन वह यहाँ देर शाम पहुँच सके। यहाँ इन्होने गैंगरेप का शिकार हुई बच्चियों सहित धमकी से आहत हुए पिता द्वारा फांसी लगाने के बाद परिवार में बची बच्चियों की माँ बहन और भाई से मुलाकात की और आर्थिक मदद के नाम पर 50-50 हज़ार रूपये दिए साथ ही आगे भी हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
आत्महत्या के लिए मजबूर करना बेहद दुखद घटना
अजय राय ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा की की दो चचेरी बहनों की फांसी में लटका कर हत्या किया जाना और प्रताड़ित कर के बेटियों के पिता को आत्महत्या के लिए मजबूर करना बेहद दुखद घटना है। बुन्देलखण्ड इलाका बहुत पिछड़ा इलाका है। यहाँ कोई विकास नहीं है लोगों के पास रोजगार नहीं है, इसी लिए यहाँ के लोग पलायन करने के लिए मजबूर हैं। बेटियों के साथ दूसरी जगहों पर जाकर काम करते हैं। उसी का नतीजा है यह वारदात हुई है। सरकार ने पीड़ित परिवार को मदद के नाम पर 25-25 हज़ार रुपया दिया इससे क्या इनका गुज़र बसर हो जाएगा? हमने भी यहाँ आकर कुछ आर्थिक मदद की है और आगे भी यहाँ आकर मृतक की बेटी की शादी में सहयोग करेंगे।
पीड़ित पिता को रेप के मुक़दमे में फंसाने की मिली थी धमकी
आपको बताते चलें की यह वारदात घाटमपुर कोतवाली के बरौली गाँव में 28 फ़रवरी को हुई थी यहाँ हमीरपुर की रहने वाली दो चचेरी बहनों ने गैंग रेप के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में ठेकेदार राम स्वरुप और उसके दो साथियों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पोस्टमार्टम के बाद दोनों बहनों के शव एक मार्च को उनके गाँव पहुंचे थे। इस घटना के बाद से ही ठेकेदार की पत्नी निर्मला और बेटी सुधा ने पीड़ित परिवार पर केस वापस लेने का दबाव डालना शुरू कर दिया था। पांच मार्च को निर्मला पीड़ित परिवार के घर पहुँच गई थी और पीड़ित पिता को रेप के मुक़दमे में फंसाने की धमकी दी थी। लगातार दबाव बनने से पीड़ित पिता घबरा गया था और उसने बीती 6 मार्च को घर से डेढ़ किलोमीटर दूर सुनसान इलाके में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में पुलिस सभी आरोपियों को जेल भेज चुकी है।