उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड की चारधाम यात्रा आज से शुरू हो गई है. यह यात्रा 6 नवंबर तक चलेगी। सबसे पहले आज गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुल गए है। 2 मई को केदारनाथ धाम और 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। बात करें सुरक्षा और तैयारी की तो सरकार का दावा के सभी तैयारी पूर्ण कर ली गई है। वही उत्तराखंड के जंगलों व शहरों में वनाग्नि का खतरा एक बार फिर से मंडराने लगा है। बीते कुछ वर्षों में उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र गर्मी में धधकते नजर आ रहे है. जिससे ना सिर्फ वन संपदा का भारी नुकसान होता है बल्कि स्थानीय आबादी पर्यावरण और जीव-जंतुओं के अस्तित्व पर भी संकट गहराने लगता है। इसी बढ़ते खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों और विभागीय सचिवों के साथ वर्चुअल बैठक कर वनाग्नि प्रबंधन और चारधाम यात्रा की तैयारियों की गहन समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए कि वनाग्नि व सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में उपकरणों और संसाधनों की समुचित व्यवस्था की जाए. साथ ही स्थानीय नागरिकों जनप्रतिनिधियों और मोबाइल गश्ती टीमों के सहयोग से त्वरित कार्यवाही की जाए। वन मंत्री ने कहा कि वन विभाग में अब तक 81 चौपहिया वाहन, सैकड़ों प्राइवेट वाहन और 328 मोटरसाइकिल इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जिससे विभागीय कर्मियों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो. वन विभाग में अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को मिलाकर 2 हजार पदों पर नियुक्ति भी दी गई है। वहीं उन्होंने प्रदेश के जंगलों में आग लगने की घटनाओं को लेकर कहा कि पिछले सालों के मुकाबले अभी तक स्थिति काफी अच्छी है और आग लगने की घटनाएं काफी कम हैं। उन्होंने जन जागरूकता और तमाम अन्य बातों का जिक्र करते हुए कहा कि वन विभाग वनाग्नि की घटनाओं पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं और सभी अधिकारी समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं, जहां पर भी आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं उन्हें तेजी के साथ बुझाया जा रहा है। वही विपक्षी पार्टियों ने भी चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं की और अधिक सुरक्षा व सुविधा की मांग की है।
वही वनाग्नि के साथ ही चारधाम यात्रा की सुरक्षा को लेकर सरकार मुस्तेद नज़र आ रही है. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से लेकर उत्तराखंड के डीजीपी ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चार धाम यात्रा मार्ग पर पूरी तैयारी की जा चुकी है जहां-जहां एवलांच की समस्या आती है वहां पर जेसीबी को तैनात कर दिया गया है साथ ही साथ इस बार चार धाम के परिसर का इंश्योरेंस भी कराया गया है आगे महाराज ने कहा की सुरक्षा को लेकर डीजीपी और गढ़वाल कमिश्नर से बात हो चुकी है। डीजीपी ने बताया कि चार धाम यात्रा की सुरक्षा जम्मू कश्मीर में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद और ज्यादा पुख्ता कर दी गई है। पुलिस के साथ तमाम सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और ड्रोन के माध्यम से ट्रैफिक और चार धाम यात्रा मार्गों पर नजर रखी जा रही है। खुफिया विभाग भी उत्तराखंड के सभी बॉर्डर और चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले शहरों से इनपुट देने में लगा है। चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु उत्तराखंड आए। उन्होंने दावा किया कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा उत्तराखंड में नहीं होने दी जाएगी। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन काउंटर पर उन्होंने रजिस्ट्रेशन के लिए लगने वाले डॉक्यूमेंट की डिटेल सार्वजनिक करने के निर्देश भी दिए।
वही उत्तराखण्ड के मौसम की बात करे तो आने वाले कुछ दिनों में प्रदेश में मौसम में कुछ बदलाव देखने को मिल रहा है। बीते दिन मैदानी जिलों में तेज हवाओं के साथ धूल भरी आंधी व हल्की बारिश देखने को मिली, जिसको लेकर मौसम विभाग के द्वारा आगामी दिनों के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी किया गया है मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि आगामी मई के पहले सप्ताह में मौसम में फिर बदलाव देखने को मिलेगा, जिसमें अधिकांश जगहों पर तेज बौछारें, हवाओं के साथ ही कुछ जगहों पर बिजली कड़कने जैसी स्थितियां भी देखने को मिल सकती हैं, जिसके चलते सतर्कता बरतने की ज़रूरत है।
आपको बता दे फायर सीजन शुरू होते ही वन विभाग में आग बुझाने का काम करने वाले कर्मचारियों के लिए आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध कराए हैं जिनमें आग न लगने वाले जूते, चश्मा और आग बुझाने के इक्विपमेंट दिए गए हैं। साथ ही वन विभाग की गस्ती गाड़ियों में भी पानी के गैलन रखे गए हैं.जिससे आग पर काबू पाया जा सके। वनाग्नि जैसे गंभीर मुद्दे को भी प्रमुखता से जटिल रहने के आदेश किए है तापमान लगातार बढ़ रहा है वनाग्नि की कुछ घटनाएं भी प्रदेश में मिली हे जिस पर वक्त रहते काबू भी पाया गया अभी कई पहाड़ियाँ ऐसी हे जो यात्रा रूट के साथ अन्य जगहों पर वनाग्नि से वनसंपर्दा को नुकसान पंहुचा रही है। इस बीच मौसम विभाग से राहत भरी खबर ये है की प्रदेश में आने वाले सप्ताह में बारिश से वनाग्नि की घटनाएं कम हो सकती है . लेकिन आने वाला समय प्रदेश में बढ़ती गर्मी के साथ वनाग्नि और जल संकट पैदा करता दिखाई दे रहा है।वही आज से प्रदेश में चारधाम यात्रा का आगाज शुरू हो गया है ऐसे में इन संकटो से निपट पाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती पैदा कर सकता है।