शूटरों से 2 लाख में सुपारी देकर कराई थी महिला अधिवक्ता अंजलि गर्ग की हत्या, पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर शूटर सहित तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

मेरठ। बीते 2 दिनों पहले टीपी नगर थाना क्षेत्र के न्यू मेवला कॉलोनी में हुए महिला अधिवक्ता अंजलि गर्ग के हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है,  पुलिस ने एक शूटर सहित दो साजिशकर्ता आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं एक शूटर और दो अन्य लोग फरार बताए गए हैं जिनकी तलाश में पुलिस लगी हुई है।

दरअसल बीते दो-तीन पहले टीपी नगर थाना क्षेत्र की कॉलोनी न्यू मेवला की रहने वाली महिला अधिवक्ता अंजलि गर्ग 35 वर्षीय की बुधवार की सुबह लगभग 06:30 बजे दूध लेकर लौटते वक्त घर के दरवाजे पर पहुंचते ही स्कूटी सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर हत्या कर दी थी. हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपित फरार हो गए थे. तभी से पुलिस आरोपियों की तलाश में लगी हुई थी, शुक्रवार को पुलिस लाइन स्थित सभागार में पूरे हत्याकांड का खुलासा करते हुए पत्रकार वार्ता कर एसपी सिटी पीयूष सिंह ने बताया कि महिला अधिवक्ता अंजलि गर्ग की हत्या मकान के कब्जदारी को लेकर भाड़े के शूटरो से दो लाख रुपए की सुपारी देकर कराई गई थी. पुलिस ने हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले लिसाड़ी निवासी अनुज, टीपी नगर निवासी नीरज शर्मा,  और माधवपुरम निवासी यशपाल को गिरफ्तार किया है, वही घटना में इस्तेमाल की गई स्कूटी और अवैध तमंचा भी बरामद किया गया है। वहीं पूरे हत्याकांड में एक शूटर रोहित उर्फ काकुल, गोल्ड  उर्फ सागर, सुरेश भाटी अभी फरार बताए गए हैं जिनकी तलाश में लगातार पुलिस रवि से दे रही है।

 

शौक पूरा करने के लिए शूटरों ने नीरज से ली थी दो लाख में सुपारी

 

महिला अधिवक्ता अंजलि गर्ग की दिन दहाड़े गोलियां बरसा कर हत्या करने वाले शूटरों ने शौक पूरे करने के लिए टीपी नगर निवासी नीरज शर्मा से 2 लाख में सुपारी ली थी जिसमें से 50 हजार एडवांस में और लगभग डेढ़ लाख रुपए हत्या होने के बाद देने का वादा किया गया था. महिला अधिवक्ता की हत्या की वारदात को अंजाम दिया और वारदात को अंजाम देने के बाद नीरज के घर ही जाकर छुप गए।

मकान की कब्जेदारी का केस ट्रायल पर आने से परेशान थे आरोपित

बताया गया है कि महिला अधिवक्ता जिस मकान में रह रही थी, उस मकान का विवाद कोर्ट में चल रहा था और कोर्ट में किस चैनल पर चल रहा था जल्दी केस का फैसला होना था जिससे आरोपित डरे हुए थे. उन्हें डर था कि कहीं इस मामले में उन्हें सजाना हो जाए जिस से बचने के लिए उन्होंने नीरज शर्मा निवासी टीपी नगर से संपर्क किया और अंजलि गर्ग को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. जिसके बाद शूटरों को हर किया गया और पूरे हत्याकांड की वारदात को अंजाम दिया गया. आरोपितों को पता था कि अगर अंजलि को अपने रास्ते से नहीं हटाया तो उन्हें इस केस में जल्दी सजा हो जाएगी।

 

 

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