पाकिस्तान के राजनीतिक हालात पर अमेरिका ने जाहिर की चिंता

KNEWS DESK… पाकिस्तान में बीती 9 मई को हुई हिंसा के मामले में बड़ी संख्या में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। जिसमें पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान के हजारों समर्थकों को जेल में डाल दिया गया है। जिसको लेकर अब अमेरिका ने भी चिंता जाहिर की है।

दरअसल आपको बता दें कि पाकिस्तान के हालातों से तो पूरी दुनिया परिचित है ही लेकिन अब पाकस्तान से एक और मामला निकलकर आया जिसको लेकर अमेरिका ने चिंता जाहिर की है। USA डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान में नागरिकों के खिलाफ की जा रही सैन्य कार्रवाई से अमेरिका परिचित है। मैथ्यू ने आगे कहा कि अमेरिका लगातार पाकिस्तान से लोकतांत्रित सिद्धान्तों व कानून के शासन का सम्मान करने की अपील कर रहा है ताकि संविधान की सर्वोच्चता कायम हो सके।

 

USA डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पाकिस्तान से कहा दो टूक

जानकारी के लिए बता दें कि मिलर से पाकिस्तान के मौजूदा हालात को लेकर एक सवाल किया गया था, “जहां 5000 लोगों को जेल में डाल दिया गया है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना की जा रही है।” इसके जवाब में मैथ्यू मिलर ने कहा कि ‘हम हालात के बारे में जानते हैं और उन नागरिकों के लिए चिंतित भी हैं, जो मिलिट्री ट्रायल का सामना कर रहे हैं। हम लगातार पाकिस्तानी अथॉरिटीज से अपील कर रहे हैं कि वह लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सम्मान करें। साथ ही हम पाकिस्तानी शीर्ष अधिकारियों के साथ मानवाधिकार, लोकतंत्र, सुरक्षा, पत्रकारों की सुरक्षा और कानून के राज का सम्मान आदि को लेकर बातचीत करते रहते हैं। अमेरिका के लिए यह हमेशा से प्राथमिकता है।’

संसद में प्रस्ताव पास करके आर्मी एक्ट के तहत की गई कार्रवाई

12 जून 2023 को पाकिस्तान की संसद में एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें 9 मई की हिंसा के दोषियों पर आर्मी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की मांग की गई। जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान में आम नागरिकों पर भी आर्मी एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है। इस कानून में दोषी पाए जाने पर उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा मिल सकती है।

बता दें कि बीती 9 मई को पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के मुखिया इमरान खान को अल कादिर ट्रस्ट मामलें में इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसके बाद  PTI समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर विराध प्रदर्शन किए थे, विरोध प्रदर्शन के जमकर हिंसा भी हुई थी। इस दौरान अभूतपूर्व तरीके से सैन्य प्रतिष्ठानों और सैन्य जनरलों के आवास को निशाना बनाया गया था। पाकिस्तानी सेना ने इसे देश के इतिहास का काला अध्याय बताया था । जिसमें फिर सेना के द्वारा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी।

 

 

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