मिजोरम : सोनिया गांधी ने मिजोरम की जनता से की अपील, कहा – “कांग्रेस पार्टी को वोट करें”

KNEWSDESK-  मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है। ऐसे में सारी पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं।  इसी कड़ी में पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने एक वीडियो साझा किया। इस वीडियों में उन्होंने मिजोरम की जनता से पार्टी को वोट करने की अपील की| वहीं भाजपा और आरएसएस पर भी निशाना साधा। सोनिया गांधी ने बीजेपी पर आदिवासियों के खिलाफ कानून बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने मिजोरम के लोगों से अपील करते हुए कहा कि मैं व्यक्तिगत अपील करती हूं, खासकर मिजोरम के युवाओं से, मिजोरम की महिलाओं से, यह प्रयोग करने का समय नहीं है। कृपया अनुभव का हाथ और सुरक्षा का हाथ, कांग्रेस पार्टी को वोट करें।

पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा कि आप सभी जानते हैं, मुझे यकीन है कि मिजोरम मेरे दिल में एक बहुत ही विशेष स्थान रखता है। मैंने पिछले कुछ वर्षों में कई बार दौरा किया है। आपके रीति – रिवाजों और संस्कृति, आपकी भूमि की सुंदरता और समृद्धि ने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी है। सबसे बढ़कर मैंने आपकी गर्म जोशी और स्नेह को कभी नहीं भूलूंगी। आगे कहा कि मुझे 30 जून,1986 को ऐतिहासिक मिजो शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद अपने परिवार के साथ हुई यात्रा बहुत शौक से याद है। आगे कहा कि कांग्रेस अनुभव और सुरक्षा का हाथ है। कांग्रेस ही एक मात्र पार्टी है, जो मिजोरम के विकास, उसके लोगों के सशक्तिकरण और समाज के सबसे कमजोर लोगों की सुरक्षा की गारंटी दे सकती है।

 आरएसएस और भाजपा को जमकर घेरा

पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने आरएसएस और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आज, मिजोरम , पूर्वोतर और भारत में भाजपा और आरएसएस से लोकतंत्र खतरे में है। वे न तो विविधता, न लोकतंत्र, न ही संवाद को महत्व देते हैं। वे पूरे भारत में एकरुपता लागू करना चाहते हैं। संसद में, भाजपा ऐसे कानूनों को लागू करती है, जो आदिवासियों के उनकी भूमि और जंगलों के अधिकारों को कमजोर करते हैं और मिजोरम के सांसद को बोलने की भी अनुमति नहीं देते हैं। मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री को घेरते हुए कहा कि  मणिपुर में भाजपा ने समाज को बुरी तरह से विभाजित कर दिया है। छह महीने की पीड़ा बीत चुकी है लेकिन शांति और सुलह की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री पूरी तरह से चुप हैं और उन्होंने कुछ घंटो के लिए भी मणिपुर का दौरा करना उचित नहीं समझा है।

 

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