BRICS समिट में पीएम मोदी का देश को संदेश, वैश्विक भलाई के लिए मंच को कहा खास

KNEWS DESK- दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर पूरी दुनिया की निगाहें थीं। सब के मन में यही बात थी कि देश के PM मोदी इस सम्मेलन पर क्या बोलेंग? ब्रिक्स के भविष्य व विस्तार की दृष्टि से 22 से 24 अगस्त के बीच आयोजित जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन का महत्व बहुत है। बीते माह से इस बात को लेकर लंबी बहस चल रही है कि ब्रिक्स का विस्तार कैसे होगा व नए देश किन माप दंडों पर इस दल में शामिल होंगे।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कई मामलों पर देश का पक्ष रखा है। उन्होंने संबोधित करने के साथ-साथ ब्रिक्स के विस्तार पर तमाम अटकलें को गलत बताया। इस दिन PM मोदी ने बेबाक अंदाज़ में भारत के पक्ष को दुनिया के सामने रखा। उन्होंने अपनी बातों से साफ कर दिया कि भारत ब्रिक्स के विस्तार के खिलाफ नहीं है लेकिन एक पहलू ऐसा है जिसे लेकर सभी सदस्य देशों को इस मुद्दे पर आगे बढ़ना चाहिए। PM मोदी ने  शिक्षा कौशल विकास व प्रौद्योगिकी में आपसी सहयोग बढ़ाने के सुझाव भी दिए है। उनका मानना है कि ब्रिक्स को भविष्य के लिए तैयार संगठन बनाने के लिए इन क्षेत्रों में सहयोग जरूरी है। इसके लिए समाज को भी भविष्य के लिए तैयार रहना होगा। इसमें टेक्नोलॉजी की भूमिका बहुत अहम होगी। PM ने विस्तार से समझाते हुए दूर-दराज के इलाकों और ग्रामीण इलाकों के बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए भारत के दीक्षा प्लेटफॉर्म का भी जिक्र किया है। अटल टिंकरिंग लैब्स के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित भाषा प्लेटफॉर्म ‘भाषिणी’ के साथ-साथ प्लेटफॉर्म और सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए बनाए गए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर यानी इंडिया स्टैक का भी जिक्र किया है। PM  ने विविधता को भारत की बड़ी ताकत बताते हुए भारत में विकसित सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म को ब्रिक्स भागीदारों के साथ साझा करने का भी प्रस्ताव रखा है।

“देश को मिलकर करना चाहिए प्रयास”

जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे सुझाव में स्किल मैपिंग की बात की। PM का कहना है कि सदस्य देश एक-दूसरे की ताकत पहचानने के लिए स्किल मैपिंग पर काम कर सकते हैं। PM ने कहा है कि इसके जरिए ब्रिक्स के सदस्य देश एक-दूसरे के विकास में मददगार साबित हो सकते हैं। तो वहीं PM का चौथा सुझाव बड़ी बिल्लियों का था। बड़ी बिल्लियों में आमतौर पर पेंथेरा जीनस के 5 जीवित सदस्य, बाघ, शेर, जगुआर, तेंदुआ और हिम तेंदुआ शामिल होते हैं। 5  ब्रिक्स देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका में विभिन्न प्रजातियों की बड़ी बिल्लियां बड़ी संख्या में पाई जाती हैं। PM मोदी ने कहा कि इनकी सुरक्षा के लिए देश को मिलकर प्रयास करना चाहिए।

बता दें कि आखिरी सुझाव में PM ने पारंपरिक चिकित्सा पर कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी पारंपरिक चिकित्सा के लंबे इतिहास को विभिन्न संस्कृतियों के बुनियादी सिद्धांतों, विश्वासों व अनुभवों पर आधारित ज्ञान, कौशल और प्रथाओं के योग के रूप में स्वीकार करता है। जिनका उपयोग स्वास्थ्य के रखरखाव के साथ-साथ रोकथाम में भी किया जाता है।

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