KNEWS DESK- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए भारत और विशेषकर बिहार के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक योगदान को रेखांकित किया। एक भव्य जनसभा में उन्होंने प्रवासी भारतीयों की संघर्ष-गाथा को सलाम किया और त्रिनिदाद की पूर्व प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को “बिहार की बेटी” कहकर सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि त्रिनिदाद और टोबैगो की पूर्व प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर के पूर्वज भारत के बिहार राज्य के बक्सर जिले के भेलूपुर गांव से थे। उन्होंने याद दिलाया कि कमला बिसेसर 2012 में अपने पैतृक गांव का दौरा भी कर चुकी हैं। “लोग उन्हें बिहार की बेटी मानते हैं,” मोदी ने गर्व से कहा।
पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें हाल ही में संपन्न हुए दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन, महाकुंभ, का पवित्र जल अपने साथ लाने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने बिसेसर से आग्रह किया कि वह सरयू नदी और महाकुंभ का जल त्रिनिदाद की ‘गंगा धारा’ में अर्पित करें। यह कदम भारत और कैरेबियाई देशों के सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री ने जनसभा में उपस्थित भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां मौजूद कई लोगों की जड़ें बिहार से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि बिहार केवल एक राज्य नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र, राजनीति, कूटनीति और शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया को दिशा देने वाली भूमि रही है।
पीएम मोदी ने 19वीं और 20वीं सदी में ब्रिटिश उपनिवेशों में ले जाए गए गिरमिटिया मजदूरों की ऐतिहासिक यात्रा को याद करते हुए कहा, “वे गंगा और यमुना को पीछे छोड़ गए, लेकिन अपने साथ रामायण को ले गए। उन्होंने मिट्टी छोड़ी, आत्मा नहीं।” उन्होंने प्रवासी भारतीयों को भारतीय संस्कृति के “शाश्वत संदेशवाहक” बताते हुए उनके योगदान को आर्थिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अमूल्य बताया।
भविष्य की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे विश्वास है कि 21वीं सदी की दुनिया को बिहार की धरती से नई प्रेरणाएं और अवसर मिलेंगे।” उन्होंने त्रिनिदाद और टोबैगो में बसे भारतीयों द्वारा भारतीय संस्कृति, भाषा और परंपराओं को जीवित रखने के प्रयासों की सराहना की।
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