डोनाल्ड ट्रंप ने लिए 5 बड़े फैसले, कारोबार तक पड़ा गहरा असर

KNEWS DESK-  अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनका न केवल अमेरिका के व्यापार पर, बल्कि वैश्विक व्यापार जगत पर भी गहरा प्रभाव पड़ा। ट्रंप के ये फैसले भारतीय शेयर बाजार सहित दुनिया भर के व्यापारिक दृष्टिकोण से बेहद प्रभावशाली साबित हुए। उनके निर्णयों ने निवेशकों को झटका दिया और भारतीय बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा। यहां हम ट्रंप के पांच प्रमुख फैसलों पर चर्चा करेंगे जिन्होंने वैश्विक कारोबारी माहौल को बदलकर भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित किया।

1. ट्रेड टैरिफ

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में अमेरिकी उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए स्टील और एल्यूमिनियम के आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का निर्णय लिया। इसका असर उन कंपनियों पर पड़ा जो इन सेक्टर से जुड़ी थीं, और इससे वैश्विक व्यापार में अस्थिरता आई। विशेष रूप से भारतीय कंपनियां जिनका अमेरिकी बाजार में व्यापार है, उन्हें इस फैसले से भारी झटका लगा। ट्रंप के इस फैसले ने न केवल अमेरिकी व्यापार को प्रभावित किया, बल्कि भारत सहित अन्य देशों के निर्यात पर भी प्रतिकूल असर डाला।

2. BRICS देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ

ट्रंप ने BRICS देशों (भारत, चीन, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका) के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, विशेष रूप से उन देशों के खिलाफ जो डॉलर को बायपास करके एक नई अंतरराष्ट्रीय मुद्रा शुरू करने की योजना बना रहे थे। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर कोई देश नई करेंसी की शुरुआत करता है, तो उस पर 100 से 150 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया जाएगा। यह फैसला विशेष रूप से भारत के लिए चिंता का कारण बना, क्योंकि भारत अमेरिका के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार करता है और इस तरह के टैरिफ से व्यापारिक रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता था।

3. रेसिप्रोकल टैरिफ

रेसिप्रोकल टैरिफ का अर्थ है कि अमेरिका अन्य देशों पर उतना ही आयात शुल्क लगाएगा, जितना अन्य देश अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं। ट्रंप ने इस नीति को लागू करने की धमकी दी, जिसका असर उन देशों पर पड़ा जिनके पास अमेरिका के साथ बड़े व्यापारिक समझौते थे। भारत जैसे देशों के लिए यह नीति चुनौतीपूर्ण हो सकती थी, क्योंकि कई भारतीय कंपनियां अमेरिकी बाजार में उत्पादों का निर्यात करती हैं। इससे कारोबार प्रभावित हो सकता था, जिससे शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

4. पनामा नहर का नियंत्रण

ट्रंप ने पनामा नहर के नियंत्रण को लेकर भी एक बड़ा विवाद खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन ने पनामा नहर का नियंत्रण अपने हाथ में लिया है, जबकि यह अधिकार अमेरिका को मिलना चाहिए था। ट्रंप ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और अमेरिका को पनामा नहर का नियंत्रण वापस दिलाने की धमकी दी। इससे वैश्विक व्यापार मार्गों पर असर पड़ा और पनामा नहर से गुजरने वाले अमेरिकी जहाजों के लिए शुल्क में बदलाव हुआ। इस कदम ने वैश्विक व्यापार के संदर्भ में अनिश्चितता पैदा की।

5. मेक्सिको और कनाडा पर टैरिफ

डोनाल्ड ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा से आने वाली वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी। उनका कहना था कि यदि इन देशों से आने वाली ड्रग्स की सप्लाई नहीं रोकी गई, तो यह टैरिफ लागू होगा। 4 मार्च से यह प्लान लागू हो जाएगा, जिससे इन देशों से आने वाली वस्तुओं पर भारी शुल्क लगेगा। इस फैसले का असर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ा और व्यापारिक गतिविधियों में अस्थिरता आई, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखा गया।

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लिए गए इन फैसलों ने भारतीय रुपया को कमजोर किया, जिससे विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया। निवेशकों के विश्वास में गिरावट आने के कारण भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई, और डलाल स्ट्रीट ‘लाल’स्ट्रीट में बदल गया। भारतीय कंपनियों के कारोबार पर दबाव बढ़ा, खासकर उन कंपनियों पर जो विदेशी बाजारों में व्यापार करती हैं। ट्रंप के फैसले ने भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव को बढ़ा दिया और निवेशकों के लिए चुनौतियां पेश की। डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों ने वैश्विक व्यापार जगत को हिलाकर रख दिया और भारतीय शेयर बाजार को भी प्रभावित किया। उनके इन निर्णयों ने न केवल अमेरिकी व्यापार नीति को नया रूप दिया, बल्कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को भी अस्थिर कर दिया। भारतीय निवेशकों को इससे सीख मिलती है कि वैश्विक फैसलों का सीधा असर उनके निवेश पर पड़ सकता है, और उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है।

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