यूरोपीय संसद में मणिपुर हिंसा पर हुई चर्चा,भारत ने कहा-ये हमरा आंतरिक मामला है

KNEWS DESK… यूरोपीय संसद में मणिपुर की स्थिति पर चर्चा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. भारत ने साफ शब्दों में कहा है कि ये हमरा आंतरिक मामला है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बीते 13 जुलाई को ट्वीट करते हुए लिखा है कि हमने देखा है कि यूरोपीय संसद ने मणिपुर पर चर्चा की और एक तथाकथित जरूरी प्रस्ताव अपनाया.

दरअसल आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है और यह औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है. न्यायपालिका सहित सभी स्तरों पर भारतीय अधिकारी मणिपुर की स्थिति से अवगत हैं और शांति और सद्भाव तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठा रहे हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा है कि यूरोपीय संसद को सलाह दी जाएगी कि वह अपने समय का उपयोग अपने आंतरिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए करें. बता दे कि मणिपुर में लगभग दो महीने से हिंसा संघर्ष की घटनाएं सामने आ रही हैं. वहीं, विपक्षी दलों ने सरकार पर इसे नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ यूरोपीय संसद ने मणिपुर पर एक प्रस्ताव पारित किया और भारत सरकार से हिंसा रोकने और धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया. बता दे कि बुधवार के शाम इस मुद्दे पर बहस की गई. जिसके बाद बीते दिन यानी 13 जुलाई को यह प्रस्ताव पारित किया गया.

युरोपीय संसद ने कहा-

जानाकारी के लिए बता दें कि यूरोपीय संसद ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि भारत सरकार जल्द से जल्द तनाव को खत्म करें. इसके साथ ही अधिकारियों से पत्रकारों और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को क्षेत्र का दौरा करने और इंटरनेट प्रतिबंध समाप्त करने की अनुमति देने का भी आह्वान किया. जिसके बाद भारत ने साफ कहा है कि यह भारत का आंतरिक मामला है.

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