हरतालिका तीज की पूजा में इन चीजों को करें शामिल, पूजन सामग्री लिस्ट यहां जानें सब कुछ

KNEWS DESK – इस समय सभी लोग 18 सितंबर को आने वाली हरतालिका तीज की तैयारियों में लगे हुए हैं| इस दिन सभी महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं| यह व्रत सबसे पहले मां पार्वती ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था| तभी से यह परंपरा शुरू हुई|

 हरतालिका तीज

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत सबसे पहले  मां पार्वती ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था| इस पर्व का संबंध शिव जी और पार्वती जी से है| इस दिन रात भर जागरण कर गौरीशंकर की पूजा का विधान है|18 सितंबर को हरतालिका तीज पर सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखेंगी|

माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से सौभाग्य में वृद्धि होती है| हरतालिका तीज का पूजन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, ऐसे में स्त्रियां अभी से पूजा की सामग्री इक्ठ्‌ठा कर लें ताकी पूजा में किसी चीज की कमी न हो|

हरतालिका तीज पूजा सामग्री

सबसे पहले शिवलिंग बनाने के लिए तालाब या नदी की स्वच्छ मिट्‌टी, रेत का भी उपयोग कर सकेत हैं|पूजा में चंदन, जनेऊ, फुलेरा, पुष्प, नारियल, अक्षत, 5 पान के पत्ते, 5 इलायची, 5 पूजा सुपारी, 5 लौंग, 5 प्रकार के फल, दक्षिणा, मिठाई, पूजा की चौकी, धतूरे का फल, कलश, अभिषेक के लिए तांबे का पात्र, दूर्वा, आक का फूल, घी, दीपक, अगरबत्ती, धू, कपूर, व्रत कथा पुस्तक आदि चीजों की आवश्यकता होती है|

भगवन शिव को चढ़ाने के लिए 16 पत्ते 

बेलपत्र, तुलसी, जातीपत्र, सेवंतिका, बांस, देवदार पत्र, चंपा, कनेर, अगस्त्य, भृंगराज, धतूरा, आम पत्ते, अशोक पत्ते, पान पत्ते, केले के पत्ते, शमी के पत्ते भोलेनाथ और पार्वती को विशेषतौर पर चढ़ाना चाहिए|

सुहाग की सामग्री 

हरतालिका तीज में सुहाग की पिटारी का विशेष महत्व है, इसमें कुमकुम, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, बिछिया, काजल, चूड़ी, कंघी, माहौर शामिल करें|

पूजा का सही मुहूर्त

हिंदू धर्म में सुहागिन स्त्रियों के लिए हरतालिका तीज का व्रत बहुत मायने रखता है| शास्त्रों के मुताबिक हरतालिका तीज की पूजा प्रदोष काल में करना श्रेष्ठ माना जाता है| पूजा के लिए सुबह 06.07 से सुबह 08.34 मिनट तक शुभ मुहूर्त है|वहीं प्रदोष काल में चार प्रहर की पूजा शाम 06.23 मिनट से शुरू हो जाएगी|

पहला प्रहर – शाम 06.23 – रात 09.02

दूसरा प्रहर –  रात 09.02 – प्रात: 12.15, 19 सितंबर

तीसरा प्रहर – प्रात: 12.15 – प्रात: 03.12 19 सितंबर

चौथा प्रहर – प्रात: 03.12 – सुबह 06.08 19 सितंबर

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