Dussehra 2023: देशभर में दशहरे की धूम, जानें रावण दहन से लेकर शस्त्र पूजा तक का शुभ मुहूर्त

KNEWS DESK- आज पूरे दुनिया भर में दशहरा की धूम है| दशहरा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है लेकिन इस दिन पर न सिर्फ भगवान राम की पूजा और रावण का दहन होता है, बल्कि यह पर्व दुर्गा विसर्जन, वाहन के खरीदने और पूजने, शस्त्र की पूजा, शमी की पूजा और जया-विजया की पूजा के लिए भी विशेष माना जाता है| चलिए हम आपको बताते हैं, विजय मुहूर्त, रावण दहन और दशहरे की पूजा का शुभ समय…

दशहरे की पूजा का शुभ मुहूर्त

अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक

विजय मुहूर्त- 24 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 43 मिनट तक

दशहरा पूजा विधि 

हिंदू मान्यता के अनुसार, आज व्यक्ति को दशहरे की पूजा से पहले देवी का पूजन और विसर्जन करना चाहिए| इसके बाद ही भगवान राम की विधि-विधान से फल-फूल, धूप-दीप, भोग आदि लगाकर पूजा करनी चाहिए| आज के दिन नवरात्रि के कलश के जल का पूरे घर में छिड़काव करना चाहिए, जिससे कि पूरे साल देवी दुर्गा का आशीर्वाद आपके घर पर बना रहे|

कब और कैसे करें शस्त्र पूजा

दशहरे के दिन भगवान राम की पूजा के साथ शस्त्र पूजा का विधान है| शस्त्र पूजा आप विजय मुहूर्त में करें| इसके अलावा आप दूसरे विजय मुहूर्त यानि सूर्या के बाद जब आसमान में तारे दिखने लग जाए तब भी कर सकते हैं| इस दौरान आपको तन और मन से पवित्र होकर अस्त्र-शस्त्र को साफ करने के बाद उसे गंगाजल से पवित्र करना चाहिए फिर उसकी हल्दी-चंदन रोली आदि से तिलक करके पुष्प चढ़ाना चाहिए| इसके बाद दीपक जलाकर प्रार्थना करनी चाहिए|

शमी पूजा से हर मनोकामना होगी पूरी

शमी का पौधा सभी दुखों को दूर करके सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद प्रदान करता है| इस पौधे की पूजा दशहरे के दिन करने पर जीवन में कई लाभ होते हैं| हिंदू मान्यता के अनुसार, यह पौधा शनि दोष दूर करने समेत तमाम तरह की बाधाओं से इंसान को बचाता है| मान्यता है कि भगवान राम ने लंका विजय से पहले शमी के पौधे की पूजा की थी|

कब और कैसे करें दुर्गा विसर्जन

नवरात्रि में मां दुर्गा की 9 दिनों तक पूजा करने के बाद दसवें दिन उनका विधि-विधान से विजर्सन किया जाता है, जिससे कि वे अपना आशीर्वाद बरसाती हुई खुशी-खुशी अपने लोक को विराजें| पंचांग के अनुसार आज दशहरे के दिन दुर्गा विसर्जन का शुभ मुहूर्त प्रात:काल 06:27 से 08:42 के बीच रहेगा| यदि आप चाहें तो मंगलवार के दिन देवी का विसर्जन न करके कल सूर्योदय के बाद भी उन्हें विदा कर सकते हैं|

जया और विजया देवी की करें पूजा

हिंदू मान्यता के अनुसार दशहरे के दिन जया और विजया देवी की विशेष रूप से पूजा की जाती है| दशहरे के दिन इन दोनों की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं| कोर्ट-कचहरी के मामले में विजय पाने के लिए जया-विजया देवी की पूजा जरुर करनी चाहिए|

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