पूरे विश्व भर में आज कृष्ण जन्माष्टमी की धूम देखने को मिल रही है कही माखन जो की श्री कृष्ण का प्रिय है की मटकिया हर्षो उल्लास के साथ फोड़ी जा रही है तो कही मंदिरों को भव्य तरीकों से सजाया जा रहा है श्री कृष्ण को लेकर कई कहानिया है जिनपर श्रद्धालु पूर्ण तरीके से विश्वास करते है इन्ही मे से एक है इनकी बाल लीलाए श्री कृष्ण ने अपने जन्म से लेकर जीवन के हर पड़ाव पर चमत्कार दिखाए जो मानव समाज को धर्म पर चलने की सीख देते है
क्यों खास है जन्माष्टमी
हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार राजा कसं के अत्याचारों को सह रही बहन देवकी ने भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर अपनी आठवीं संतान जो की श्री कृष्ण का अवतार थे को जन्म दिया श्री कृष्ण के जन्म के पूर्व भी दुष्ट कसं अपनी बहन की सातों संतान मार चुका था माना जाता है एक आकाशवाणी के अनुसार कसं का वध उसकी बहन की आठवी संतान के द्वारा होना तय था देवकी की बहन यशोदा के घर श्री कृष्ण को पहुंचाया गया जहां माता यशोदा ने उनका पालन पोषण किया व वही से उनकी बाल लीलाओं की शुरुआत हुई दुष्ट मामा का वध कर श्री कृष्ण ने पृथ्वी को कसं के अत्याचारों से मुक्त किया इसी कथा के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी जोर शोर से मनाई जाती है
श्रद्धा की डोर से जुड़ा महत्व
वो कहते है न जब जब धरती मे पाप व अधर्म हद से ज्यादा बड़ जाता है तब तब भगवान मानव समाज का उद्धार करने हेतु जन्म लेते है पुराणों के अनुसार , श्रीकृष्ण भगवान विष्णु का अवतार है कृष्ण की कृपा भक्तों पर बनी रहे इसलिए हर वर्ष लोग उनका जन्मदिन उल्लास के साथ मनाते है मध्य रात्रि में विधि विधान के साथ पूजा अर्चना के साथ व्रत रखा जाता है दही हांडी का विशेष कार्यक्रम आपको देखने को मिल जाएगा व श्री कृष्ण व राधा की पोशाकों मे सजे बच्चे मन को लुभाते है
दही हांडी रहता है आकर्षण
भारत में कई जगहों पर जन्माष्टमी के दिन दही हांडी का आयोजन होता है दरअसल बालपन मे कान्हा बहुत शरारती थे उन्हे माखन इतना प्रिय था की वे अपने दोस्तों संग मिलकर लोगों के घर से माखन चोरी करके खा जाते थे और साथ ही माखन चोरी की दौड़भाग मे हांडी भी तोड़ दिया करते थे श्री कृष्ण की इन्ही शरारतों को याद करते हुए जन्माष्टमी के पर्व पर मटकी को उचाई पर टाँगकर उसे पिरामिड बनाकर फोड़ने की कोशिश की जाती है जिसका नजारा हर साल दिलचस्प होता है