व्यापारी के साथ साथ छल व धोखाधड़ी करने वाले  03 शातिर अभियुक्तों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

रिपोर्ट :रामशंकर

गोरखपुर:व्यपारी के साथ धोखाधड़ी में शामिल अभियुक्तगण को मुखबिर की सूचना पर श्रम विभाग गेट के पास से धर दबोचा।पकड़े गए अभियुक्तों की पहचान 1. मनोज दूबे पुत्र स्व0 ध्रुव जी दूबे निवासी ग्राम भलुवनी पोस्ट बडहरा थाना खुखुन्दु जनपद देवरिया 2. राधेश्याम सिंह उर्फ मुन्ना सिंह पुत्र स्व0 सीताराम सिंह निवासी धतुराखास टोला बडीललिया थाना गौरी बाजार जनपद देवरिया 3. अमित कुमार शुक्ला पुत्र स्व0 पारसनाथ शुक्ला निवासी गायत्री नगर कूडाघाट थाना शाहपुर जनपद गोरखपुर के रूप में हुई इनके पास से धोखाधडी का 2,30,000/- रुपये व फर्जी 07 अदद आधार कार्ड और 3 अदद पैन कार्ड बरामद किया.

लालच देकर बनाते थे शिकार

आपको बता दे कि पीड़ित व्यपारी कि बेलीपार क्षेत्र मे फर्नीचर की दुकान है । अभियुक्तगण दुकान पर जाते है और उससे मेल जोल करके दोस्ती बढाते है और वादी को होटल मे फर्निचर व बेड बनाने का ठेका दिलवाने का झासा देकर होटल मालिक से मिलने के लिए अवंतिका होटल बुलाते है । जब शख्स होटल पहुँचता है तो मालिक का इंतजार करने के बहाने टाइम पास के नाम पर मुंगफली के सहारे शख्स के साथ जुआ खेलते है और ठगी कर पहले उसको 45 लाख रुपये जीतना बताते है और जब शख्स लालच मे आकर और जुआ खेलने लगता है तो फिर झांसा देकर 15 लाख रुपये की जुआ मे हार बताकर उससे पैसे की वसुली करते है । वादी को डरा धमका कर उससे 4 लाख रुपये ले लेते है और शेष 11 लाख रुपये के लिए उसको धमकी देकर रंगदारी मांगते है ।

धोखाधड़ी करने का तरीका

अभियुक्तगण द्वारा यह बताया गया कि उनके द्वारा ठगी का तरिका जुआ पर आधारित है जिसके लिए उनके द्वारा मुंगफली, चना, राजमा या किसी प्रकार की छोटे सामान का इस्तेमाल कुल 60 की संख्या में किया जाता है । जिसमें से एक, दो, तीन, चार की संख्या मे मुंगफली चार अलग अलग जगहो पर निकाल कर रखी जाती है और इन्ही चारो संख्याओ पर खेलने वाला व्यक्ति पैसे का दाव लगाता है और जो व्यक्ति जुआ खेला रहा होता है वह शेष बची मुंगफलियो को चार के गुणांक में हिस्सा लगाता है जिसमें जो व्यक्ति जुआ में दाव लगा रहा है वह जिस संख्या का चयन करता है वही संख्या अंतिम मे शेष बचती है और वह व्यक्ति संख्या पर लगाये गये पैसे को हार चुका होता है । यह गेम पुरी तरह से गणित के फार्मुले पर आधारित है जिसमें सम व विषम संख्या के आधार पर जीत हार का फैसला होता है ।

सीओ कैंट का कहना है

वहीं सीओ कैंट का कहना है कि ये लोग पहले दोस्ती करते थे फिर लालच देकर व्यापारियों को शिकार बनाते थे.

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