KNEWS DESK- मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जारी हिंसा को 3 महीने पूरे हो गए हैं। 3 मई को शुरू हुई हिंसा का दौर अभी तक थमने का नाम नहीं ले रही है। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में सुरक्षाबलों और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हुई है। जिसके बाद हालात पर काबू पाने के लिए सैनिकों ने हवाई फायरिंग करते हुए आंसू गैस के गोले भी छोड़े है। इस घटना में 17 लोगों के घायल होने की सूचना मिली है।
आपको बता दें कि मणिपुर में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। वहां स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है । 3 मणिपुर के बिष्णुपुर में मैतेई समुदाय की महिलाओं ने उस जोन को पार करने का प्रयास किया है। इन क्षेत्रों में सुरक्षाबलों को अतिरिक्त ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि हिंसा का संक्रमण उस क्षेत्र के अलावा किसी और आस-पास के क्षेत्रों में नहीं फैल सके मैतेई समुदाय की महिलाओं को रोकने का प्रयास असम राइफल्स ने किया गया है। लेकिन इन महिलाओं उलटा सुरक्षाबलों पर ही पथराव करना शुरू कर दिया है। जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने हवाई फायरिंग और आंसू गैस के गोले छोड़े है। इस झड़प की घटना के बाद पश्चिमी इंफाल में कर्फ्यू में दी गई है।
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हिंसा में 160 से ज्यादा लोगों ने गवाई जान..
जानकारी के लिए बता दें कि मणिपुर को लेकर विपक्षी दल लगातार संसद के मानसून सत्र में जोरदार हंगामा कर रहे हैं। इसी बीच विपक्ष के 31 सांसदों ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करते हुए मणिपुर हिंसा दौरे के बाद वहां की स्थित से अवगत कराने के लिए ज्ञापन सौंपा है मणिपुर में हुई हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। कई लोगों के शव इंफाल और चुराचांदपुर के अस्पतालों की मॉर्च्युरी में रखे हुए हैं। गुरुवार को चुराचांदपुर में कुकी समुदाय के 35 लोगों के शवों को सामूहिक रूप से दफनाया जाना था। लेकिन गृह मंत्रालय के आदेशानुसार फिलहाल इसे टाल दिया गया है।
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