KNEWS DESK- दलाई लामा, जिन्हें अक्सर एक नाम के रूप में जाना जाता है, वास्तव में एक पद है। तिब्बती बौद्ध धर्म के इतिहास में अब तक 14 दलाई लामा आ चुके हैं। वर्तमान 14वें दलाई लामा 6 जुलाई को 90 वर्ष के हो जाएंगे। उनका असली नाम ल्हामो धोंडुप है, जो 1959 में तिब्बत से भारत आए थे, जब चीनी शासन के खिलाफ हुए असफल विद्रोह के बाद हजारों तिब्बती भारत में शरणार्थी बने।
दलाई लामा की जीवनशैली को देखते हुए, उनकी कथित संपत्ति सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनकी नेटवर्थ लगभग 150 मिलियन डॉलर यानी करीब 1,300 करोड़ रुपए आंकी गई है। यह आंकड़ा कई लोगों के लिए चौंकाने वाला हो सकता है, क्योंकि दलाई लामा एक साधु जीवनशैली के समर्थक माने जाते हैं।
उनकी आय के मुख्य स्रोतों में शामिल हैं:
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बड़े भाषण और सार्वजनिक उपदेश
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किताबों की बिक्री, जिनमें उनकी आत्मकथा “Freedom in Exile” प्रमुख है
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दान और उनकी छवि के मीडिया में उपयोग के लिए रॉयल्टी
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फिल्मों, विज्ञापनों और अन्य मीडिया माध्यमों में उनकी छवि के लाइसेंसिंग
यह सभी आय उनके मानवीय और शैक्षिक परियोजनाओं के लिए खर्च की जाती है। दलाई लामा की इस प्रकार की कमाई और संपत्ति पर अक्सर विवाद और जिज्ञासा बनी रहती है।
दलाई लामा इस समय अपने उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा में हैं। 6 जुलाई को 90वां जन्मदिन मनाने के साथ-साथ वे अपने उत्तराधिकारी की घोषणा भी करने वाले हैं। उन्होंने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके बाद भी दलाई लामा पद और संगठन जारी रहेगा। इस ऐलान से यह स्पष्ट हुआ कि तिब्बती बौद्ध धर्म की परंपरा का निरंतरता बनी रहेगी।
दलाई लामा न केवल तिब्बती बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक नेता हैं, बल्कि वे विश्व स्तर पर शांति, सहिष्णुता और मानवीय मूल्यों के प्रतीक भी माने जाते हैं। उनके उपदेश और विचार लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। 1959 के बाद भारत में निर्वासित रहते हुए उन्होंने तिब्बती संस्कृति और धर्म को विश्वभर में पहचान दिलाई है।
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