KNEWS DESK – हिंदी सिनेमा के शहंशाह शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान की जोड़ी बॉलीवुड की सबसे प्यारी जोड़ियों में से एक है। दोनों की शादी को 33 साल हो चुके हैं, लेकिन इनकी मोहब्बत आज भी उतनी ही ताज़ा और खास है जितनी 1980 के दशक में थी, जब इनकी पहली मुलाकात हुई थी। यह प्रेम कहानी सिर्फ एक मशहूर सुपरस्टार और एक डिजाइनर की नहीं है, बल्कि यह कहानी है उन दो लोगों की, जिन्होंने धर्म, परिवार और समाज की रुकावटों के बावजूद एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा।
1984 में शुरू हुई मोहब्बत
शाहरुख और गौरी की प्रेम कहानी 1984 में शुरू हुई थी, जब शाहरुख 19 साल के थे और गौरी महज 14 साल की। एक पार्टी में दोनों की पहली मुलाकात हुई थी, और यहीं से दोनों के बीच प्यार की शुरुआत हुई। उस समय शाहरुख एक मिडिल क्लास परिवार से आने वाले साधारण लड़के थे, जबकि गौरी एक हिंदू परिवार से ताल्लुक रखती थीं। लेकिन दोनों के अलग-अलग धर्म से होने के बावजूद, उनके प्यार में कोई कमी नहीं आई।
गौरी के माता-पिता को मनाने की चुनौती
शाहरुख और गौरी के रिश्ते में सबसे बड़ी चुनौती थी उनके अलग-अलग धर्म। जब गौरी के माता-पिता को उनके रिश्ते के बारे में पता चला, तो उन्होंने इसे मंजूर नहीं किया। उन्हें डर था कि गौरी की शादी एक मुस्लिम लड़के से होने के बाद उसका जीवन बदल जाएगा। लेकिन शाहरुख, अपनी बुद्धिमानी और धैर्य के साथ, गौरी के परिवार को मनाने में कामयाब रहे।
शाहरुख ने एक बार बताया था कि कैसे उन्होंने गौरी के माता-पिता के सामने खुद को हिंदू लड़के के रूप में पेश किया, ताकि वह उनकी स्वीकृति पा सकें। यह शाहरुख का अपने प्यार के लिए जुनून और समर्पण था, जिसने आखिरकार गौरी के माता-पिता को भी मानने पर मजबूर कर दिया।
शादी का मजेदार किस्सा
25 अक्टूबर 1991 को शाहरुख और गौरी ने हिंदू रीति-रिवाजों से शादी कर ली। लेकिन उनकी शादी के रिसेप्शन पर एक मजेदार किस्सा हुआ, जो आज भी उनके फैंस के बीच काफी चर्चित है। एक बार शाहरुख ने खुद इस किस्से का ज़िक्र फरीदा जलाल के साथ एक इंटरव्यू में किया था। रिसेप्शन में कुछ लोग गौरी के धर्म को लेकर बातें करने लगे।
वे लोग कह रहे थे कि अब गौरी का नाम बदल जाएगा और वह मुस्लिम बन जाएंगी। इस पर शाहरुख ने मजाक में गौरी से कहा, “चलो, बुर्का पहन लो और नमाज पढ़ो।” इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा, “अब इनका नाम बदलकर आयशा कर देंगे और ये नमाज पढ़ेंगीं, और घर से बाहर भी नहीं निकलेंगीं।”
शाहरुख की ये बातें सुनकर गौरी के परिवार वाले और वहां मौजूद लोग हैरान रह गए थे। लेकिन शाहरुख का इरादा सिर्फ मजाक करना था, और इस घटना ने सबके चेहरों पर मुस्कान ला दी। इस किस्से ने एक बार फिर साबित कर दिया कि शाहरुख की मजाकिया और विनोदी शैली उनके रिश्ते को और भी खास बनाती है।
धर्म का सम्मान और आपसी समझ
शादी के बाद गौरी ने अपना धर्म नहीं बदला, लेकिन उन्होंने अपने नाम के साथ ‘खान’ ज़रूर जोड़ा। शाहरुख और गौरी दोनों ही एक-दूसरे के धर्म का पूरा सम्मान करते हैं और कभी भी इसे अपने प्यार के आड़े नहीं आने दिया। शाहरुख ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि धर्म प्यार के बीच में नहीं आना चाहिए, बल्कि दोनों का सम्मान करना जरूरी है।
तीन बच्चों के माता-पिता
आज शाहरुख और गौरी तीन बच्चों के माता-पिता हैं। उनके सबसे बड़े बेटे आर्यन खान जल्द ही एक निर्माता-निर्देशक के रूप में अपनी करियर की शुरुआत करने वाले हैं। उनकी बेटी सुहाना खान ने जोया अख्तर की फिल्म ‘द आर्चीज़’ से बॉलीवुड में डेब्यू कर लिया है, और उनके सबसे छोटे बेटे अबराम का जन्म सरोगेसी के जरिए हुआ था।