पत्रकार संग बदसलूकी मामले से सलमान खान को मिली राहत, हाईकोर्ट में पेश होने से मिली छूट

KNEWS DESK : निचली अदालत ने इस साल मार्च में सलमान और उनके बॉडीगार्ड नवाज शेख को इस मामले में 5 अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया था। पत्रकार अशोक पांडे द्वारा दाखिल की गई याचिका पर अदालन ने यह फैसला सुनाया था।

बॉलीवुड के भाइजान यानी सलमान खान (Salman Khan) से जुड़े एक मामले में पर आज यानी 30 मार्च को फैसला सुनाएगा. मामला 2019 का है. जब उन्होंने एक पत्रकार के साथ उनके कथित तौर पर बुरा बर्ताव किया था. पत्रकार अशोक पांडे ने आरोप लगाया था कि अप्रैल 2019 में सलमान खान और उनके बॉडीगार्ड नवाज शेख ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की थी. उन्होंने अंधेरी में मजिस्ट्रेट की अदालत के सामने एक निजी शिकायत दायर की थी, जिसमें दोनों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की गई थी.ये फैसला जस्टिस भारती डांगरे की सिंगल बेंच ने दिया है.

बॉम्बे हाई कोर्ट आज पत्रकार बदसलूकी मामले में एक्टर सलमान खान की याचिका पर फैसला सुनाएगा. सलमान खान के खिलाफ अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत की ओर से समन जारी किया गया था, जिसके खिलाफ सलमान ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाई कोर्ट ने 23 मार्च को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.

हाई कोर्ट के जस्टिस भारती डोंगरे की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि लोगों की अपनी निजता होनी चाहिए. चाहे वह अभिनेता हो, वकील या जज. जस्टिस डांगरे ने आगेकहा- आप में से कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. ना कोई एक्टर और ना प्रेस के लोग. उन्हें भी कानून का पालन करना होता है.

सीआरपीसी की धारा 200 में कहा गया है कि मजिस्ट्रेट शिकायतकर्ता और गवाहों की जांच करेगा, यदि कोई हो तो शपथ पर और इसे लिखित रूप के बाद दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेगा. सीआरपीसी की धारा 202 में कहा गया है कि शिकायत मिलने पर यदि मजिस्ट्रेट को उचित लगता है तो उसे या तो स्वयं मामले की जांच करनी चाहिए या कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार है या नहीं, यह तय करने के उद्देश्य से एक पुलिस अधिकारी द्वारा जांच करने का निर्देश देना चाहिए. इसलिए बेंच का मानना ​​था कि शिकायतकर्ता के बयान को लिखित रूप में दर्ज करने से पहले मजिस्ट्रेट पुलिस को मामले की जांच करने के लिए नहीं कह सकते थे.

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