KNEWS DESK- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अगर बीजेपी सत्ता में फिर से वापस आती है तो सभी पक्षों के साथ व्यापक चर्चा के बाद अगले पांच साल के भीतर पूरे देश के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की जाएगी। पीटीआई से बातचीत में गृहमंत्री अमित शाह ने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली अगली सरकार अपने अगले कार्यकाल में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करेगी, क्योंकि देश में एक साथ चुनाव कराने का समय आ गया है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से खर्च भी कम होगा। चुनाव को सर्दियों या साल के किसी दूसरे समय में कराने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा कि इस पर विचार किया जा सकता है। यदि हम कोई एक चुनाव निर्धारित समय से पूर्व कराते हैं तो ये किया जा सकता है। ये किया भी जाना चाहिए। ये छात्रों की छुट्टी का समय भी होता है। ये बहुत सारी समस्याएं भी पैदा करता है। समय के साथ, चुनाव (लोकसभा) धीरे-धीरे इस समय (गर्मियों के दौरान) में होने लग गए।
समान नागरिक संहिता के बारे में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि समान नागरिक संहिता एक जिम्मेदारी है जो हमारे संविधान निर्माताओं ने स्वतंत्रता के बाद से हमारी संसद और हमारे देश के राज्य विधानसभाओं पर छोड़ी। उन्होंने कहा कि उस वक्त भी के एम. मुंशी, राजेंद्र बाबू, आंबेडकर जी जैसे कानून के जानकारों ने कहा था कि धर्म के आधार पर कानून नहीं होना चाहिए। एक समान नागरिक संहिता होनी चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बीजेपी ने उत्तराखंड में एक प्रयोग किया है, क्योंकि वहां बहुमत की सरकार है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र के साथ ये राज्यों का भी विषय है। अमित शाह ने कहा कि मेरा मानना है कि समान नागरिक संहिता एक बड़ा सामाजिक, कानूनी और धार्मिक सुधार है।
उन्होंने कहा कि मेरे कहने का मतलब है कि इस पर एक व्यापक बहस होनी चाहिए और इस व्यापक बहस के बाद उत्तराखंड सरकार के बनाए गए मॉडल कानून में कुछ परिवर्तन करना है या नहीं तय किया जाना चाहिए। क्योंकि कोई न कोई कोर्ट में जाएगा ही जाएगा। एक साथ चुनाव के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि हम ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ कराने (लागू करने) का पूरा प्रयास करेंगे और इस पर भी चर्चा होनी चाहिए।
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