KNEWS DESK- इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 15 फरवरी को बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड से डोनेशन लेने पर तुरंत रोक लगा दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च तक का समय दिया जिससे पार्टियों हिसाब दें।
♦इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
♦इलेक्टोरल बॉन्ड पर तत्काल लगाई रोक
♦6 मार्च तक पार्टियां दें हिसाब- सुप्रीम कोर्ट#ElectoralBonds #SupremeCourt #India #bigdecision pic.twitter.com/QNkoAmL1gG
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राजनीतिक दलों के फंडिंग की लोगों को जानकारी हो, तो इससे लोगों को मताधिकार इस्तेमाल करने में स्पष्टता मिलती है
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जानकारी के लिए आपको बता दें कि 5 जजों की बेंच ने आपसी सहमति से ये फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस ने कहा, ‘पॉलिटिकल प्रॉसेस में राजनीतिक दल महत्वपूर्ण यूनिट होते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग वोट करते हैं उन्हें चुनावी फंडिंग के बारे में जानने का अधिकार है, जिससे मतदान के लिए सही चयन होता है।’
क्या होता है चुनावी बॉन्ड?
दरअसल, 2017 में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को पेश किया था। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इसे बैंक नोट भी कहा जाता है साथ ही इसको कोई Indian citizen या कोई कंपनी खरीद सकती है। खरीदने के बाद अपनी पसंद पार्टी को दान भी कर सकती है। बस वो पार्टी उस नागरिक या कंपनी के लिए एलिजिबल होनी चाहिए।
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