Ram Mandir: ‘मुलायम सिंह को कारसेवकों का हत्यारा कहती हूं’, आखिर क्यों उमा भारती ने कही ये बात…

KNEWS DESK- अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। जैसे- जैसे 22 जनवरी की तारीख नजदीक आ रही है देशभर के लोग राम भक्ति में लीन होते नजर आ रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर सियासत भी चरम पर है। इस बीच बीजेपी की दिग्गज नेता व राम मंदिर आंदोलन कर रहीं उमा भारती का कहना है कि 5 शताब्दी हो गई थीं और इसकी सफलताओं के परिणाम तक पहुंच गए हैं। इस आंदोलन के लिए जिन लोगों ने अपने जीवन और जवानी को दिया है उनका अभिनंदन होना चाहिए। इसका श्रेय कोई नहीं ले सकता। पहला श्रेय कार सेवकों का है, जिन्होंने ढांचा गिरा दिया था। अगर ढांचा नहीं गिरता तो पुरातत्व विभाग खुदाई नहीं कर सकता था।

मुलायम सिंह कार सेवकों का हत्यारे- उमा भारती

बीजेपी नेता ने कहा कि देश में शांतिपूर्ण तरीके से मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। इस विषय का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रस्तुतीकरण किया। अमित शाह ने लॉ एड ऑर्डर पर काबू रखा, योगी आदित्यनाथ ने यूपी को संभाला। आगे उन्होंने कहा कि हम लोगों का कोई श्रेय नहीं है। जिंदा रहे तो बहुत दुख हुआ था। कुछ कार सेवकों को गोली से मार दिया गया था इसलिए मुलायम सिंह को मैं हमेशा कार सेवकों का हत्यारा ही कहती हूं।

उमा भारती ने कहा कि सबसे पहला संघर्ष 500 सालों में हनुमानगढ़ी के महंतों ने किया था और अंतिम बलिदान राम और शरद कोठारी का था। अंत समय में हम लोग अशोक सिंघल के साथ हो गए थे और प्रण किया था कि अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचकर ही दम लेंगे। हमको भी CBI ने चार्जशीट दिया था और फिर ट्रायल हुआ। लोग कहते हैं कि हम धर्म की राजनीति करते हैं, लेकिन जब CBI ने हमारे केस को टेकओवर किया, तो उस समय अटल जी प्रधानमंत्री थे। CBI ने जब हमको चार्जशीटेड किया तो मोदी जी प्रधानमंत्री थे। उन्होंने हमारे बचाव की कोई चेष्टा नहीं की। हम किसी भी प्रकार के बलिदान के लिए तैयार थे।

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नेहरू कहने भर के लिए हिंदू परिवार में पैदा हुआ- उमा भारती

उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी जी ने रथ यात्रा निकाली और उन्होंने किसी की परवाह नहीं की। विश्वनाथ प्रताप सिंह घड़ी-घड़ी रंग बदल रहे थे। कभी कार सेवा लिए हां भर रहे थे, कभी शिलान्यास के लिए न कह रहे थे, लालू जी ने मुस्लिम तुष्टिकरण के चलते आडवाणी जी का रथ रोक लिया। कांग्रेस हिंदुओं को भी खुश रखना चाहती थी और मुस्लिम को भी। ये नेहरू जी के समय में ही शुरू हो गया था। नेहरू कहने भर के लिए हिंदू परिवार में पैदा हो गए थे।

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