KNEWS DESK- मुख्तार अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से आज यानि 25 सितंबर को बड़ी राहत मिली है। गैंगस्टर मामले में 10 साल की सजा पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी की जमानत मंजूर कर ली है। इसके साथ ही सजा के साथ लगाए गए 5 लाख रुपए के फाइन को भी हाईकोर्ट ने स्टे कर दिया है।
सजा पर रोक लगाने से हाईकोर्ट ने किया इनकार
आपको बता दें कि सजा पर रोक लगाए जाने की मुख्तार अंसारी की अपील को हाईकोर्ट ने नहीं माना। हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी की सजा पर रोक लगाए जाने से इनकार कर दिया। सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर हाई कोर्ट में जारी सुनवाई रहेगी। जस्टिस राजवीर सिंह की सिंगल बेंच ने सोमवार को फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद 20 सितंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। मुख्तार अंसारी ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर 10 साल की मिली सजा को चुनौती दी थी। गाजीपुर की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में सजा सुनाई थी। 29 अप्रैल को मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी।
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अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने सर्टिफिकेट दाखिल किया
हाईकोर्ट में मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने सर्टिफिकेट दाखिल किया था। अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट को बताया था कि मुख्तार अंसारी इस केस में रिमांड बनने के बाद से 12 साल 4 महीने से जेल में बंद हैं। वकील की दलील थी कि मिली हुई सजा से ज्यादा का दिन मुख्तार अंसारी ट्रायल के दौरान ही जेल में भुगत चुके हैं। इस मामले में कोर्ट ने बांदा जेल अधीक्षक से भी रिपोर्ट मांगी थी। पूर्वांचल का माफिया डॉन मुख्तार अंसारी, बांदा जेल में ही बंद है। सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने जमानत अर्जी का विरोध किया था। इसी मामले में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को पहले ही जमानत मिल चुकी है। गाज़ीपुर एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई थी। जिससे उनकी संसद सदस्यता समाप्त हो गई थी।
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