KNEWS DESK… मणिपुर में एक बार फिर से हालात बिगड़ते जा रहे हैं . मैतई और कुकी समुदायों के बीच शुरू हुई हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. 26 सिम्बर को इंफाल शहर में सुरक्षाबलों और छात्रों के बीच झड़प के बाद विरोध प्रदर्शन किया गया. जिसमें 1 शिक्षक समेत 54 छात्र घायल हो गए. इसी बीच कल यानी 27 सितम्बर को भीड़ ने थाउबल में भाजपा कार्योलय में आग लगा दी गई. मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों ने आग पर काबू पाया. हालंकि तब तक सामान जलकर राख हो चुका था. इसके अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शारदा देवी के घर पर भी तोड़फोड़ की गई.
दरअसल, छह जुलाई से लापता दो छात्रों की हत्या के विरोध में स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया. यह पहली बार नहीं है जब जातीय तनाव के बीच भाजपा दफ्तर पर हमला किया गया है. इससे पहले जून में थौबल जिले में तीन भाजपा दफ्तरों में तोड़फोड़ की गई थी. इस दौरान कार्यालय के गेट, खिड़कियां और परिसर में खड़ी एक कार के शीशे तोड़ दिए गए थे.
6 महीने और लागू रहेगा AFSPA
जानकारी के लिए बता दें कि अब इन घटनाओं के बाद मणिपुर में AFSPA अभी 6 महीने और लागू रहेगा. AFSPA कानून वह है, जिसके द्वारा अशांत क्षेत्रों में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को यह अधिकार दिया गया है कि वह कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को मारने एवं बिना वारंट के किसी भी परिसर की तलाशी ले सकता है. सरकार ने इसे 30 सितंबर को हटाने की घोषणा की थी. लेकिन यहां के हालात को देखते हुए अब सरकार ने अपना फैसला बदल दिया है. प्रदेश के 19 थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. इस सिलसिले में जिन 19 थाना क्षेत्रों को AFSPA से अलग रखा गया है.
यह भी पढ़ें… जानिए क्या है AFSPA जिसे मणिपुर में 6 महीने और गया बढ़ाया,जांच के लिए पहुंची CBI टीम
यह भी पढ़ें… मणिपुर हिंसा : 2 छात्रों की फोटो वायरल होने पर बढ़ा तनाव, जांच के लिए पहुंची CBI टीम