गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पर बोला, हमारे लिए महिला सशक्तिकरण राजनीति का मुद्दा नहीं

KNEWSDESK – संसद के विशेष सत्र में बीते बुधवार 20 सितंबर को तीसरे दिन महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक ) पर बहस हुई सदन में अमित शाह ने महिला आरक्षण पर बोलते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि कुछ लोगों के लिए महिला सशक्तीकरण चुनाव जीतने का मुद्दा हो सकता है लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता मोदी के लिए यह मुद्दा राजनीति नहीं, बल्कि मान्यता का मुद्दा है और आगे कहा कि पीएम मोदी को देश की जनता ने सीएम से प्रधानमंत्री बनाया ।

अमित शाह ने कहा कि महिला आरक्षण बिल युग बदलने वाला विधेयक है। कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा। कल नए सदन का पहली बार श्री गणेश हुआ, कल गणेश चतुर्थी थी और पहली बार कई सालों से लंबित पड़े बिल को पास किया गया। देश में एससी-एसटी के लिए जितनी सीटें आरक्षित हैं, उनमें से भी 33 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। कुछ लोगों के लिए महिला सशक्तीकरण चुनाव जीतने का मुद्दा हो सकता है लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता मोदी के लिए यह मुद्दा राजनीति नहीं, बल्कि मान्यता का मुद्दा है। मोदी ने ही भाजपा में महिलाओं को पार्टी पदों पर 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाया।

आगे उन्होंने कहा कि PM मोदी को देश की जनता ने CM के बाद प्रधानमंत्री बनाया। 30 साल बाद उनके नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की भाजपा की सरकार बनाई। उस समय मोदी के एकाउंट में जितना भी पैसा था, उन्होंने वर्ग 3 के कर्मचारियों और बेटियों के खाते में अपना पैसा भेज दिया था। आज दुनियाभर में विमान उड़ाने वाली महिलाओं की संख्या 5% है। भारत की इन महिलाओं की संख्या 15% है। यही महिला सशक्तीकरण है।

 देवेगौड़ा से लेकर मनमोहन तक चार बार हुए प्रयास 

अमित शाह ने कहा कि पहली बार ये संविधान संशोधन नहीं आया। देवेगौड़ा से लेकर मनमोहन तक चार बार प्रयास हुए। क्या मंशा अधूरी थी? सबसे पहले इस पर प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के समय 12 सितंबर 1996 में संविधान संशोधन आया। कांग्रेस इस समय विपक्ष में थी। विधेयक को सदन में रखने के बाद गीता मुखर्जी की अध्यक्षता में समिति को दे दिया गया लेकिन विधेयक सदन तक पहुंच ही नहीं पाया।

जब 11वीं लोकसभा आई तो विधेयक लैप्स हो गया। इसके बाद 12वीं लोकसभा अटल बिहारी वाजपेयी के समय बिल आया लेकिन ये विलोपित हो गया। 13वीं लोकसभा में अटल जी के समय फिर बिल आया लेकिन अनुच्छेद 107 के तहत बिल विलोपित हो गया।

इसके बाद मनमोहन सिंह बिल लेकर आए लेकिन बिल विलोपित हो गया। शाह ने कहा कि कोई पुराना बिल जीवित नहीं है। लोकसभा जब विघटित हो जाती है तो लंबित विधेयक विलोपित हो जाते हैं। चुनाव के बाद तुरंत ही जनगणना और डिलिटिटेशन होगा और महिलाएं की भागीदारी जल्द ही सदन में बढ़ेगी।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राहुल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा- देश को सेक्रेटरी नहीं सरकार चलाती है। कैबिनेट चलाती है। हमारी पार्टी के 85 सांसद OBC समुदाय से आते हैं।

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