KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों पर कड़ा रुख ले लिया है| योगी सरकार इन स्कूलों के खिलाफ एक अभियान शुरू करने की योजना बना रही है| जिसमें गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जाएगी| सरकार ऐसे स्कूलों को पकड़कर उनसे 1 लाख रुपये तक का जुर्माना वसूलेगी|
योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा निदेशालय को आदेश दिए हैं- वे सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने ब्लॉक में सघन अभियान चलाने के निर्देश जारी करें| इसे लेकर बेसिक शिक्षा निदेशालय निर्देश जारी भी कर दिए हैं साथ ही कहा है कि जो भी स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रहा है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें|
आपको बता दें कि राज्य सरकार प्रदेश में 14 साल तक की आयु के बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए परिषदीय प्राथमिक, जूनियर हाई स्कूल, सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूल, मान्यता प्राप्त प्राथमिक एवं जूनियर हाई स्कूल संचालित कर रही है| सरकार को जानकारी मिली है कि प्रदेश में सैकड़ों स्कूल धड़ल्ले से चल रहे हैं| वहीं, निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम के अनुसार, बिना मान्यता प्राप्त किए कोई भी स्कूल संचालित नहीं किया जा सकता है|
संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को लेटर लिखकर अपने जिलों में अभियान चलाने का निर्देश देते हुए कहा है- सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को साक्ष्य के तौर पर निदेशालय को प्रमाण पत्र देना होगा कि उनके ब्लॉक में कोई भी विद्यालय बिना मान्यता प्राप्त किए संचालित नहीं हो रहा है और जिन विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की जाए उसकी विद्यालयवार सूची 22 नवंबर तक निदेशक बेसिक शिक्षा को उपलब्ध कराएं|
निर्देश में ये भी कहा गया है, बिना मान्यता प्राप्त के कोई भी स्कूल स्थापित या संचालित नहीं किया जा सकता है| यदि कोई व्यक्ति बिना मान्यता प्राप्त किए स्कूल चलाता है, तो उसके खिलाफ 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और यदि उल्लंघन जारी रहता है, तो हर दिन 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा|