सिर्फ 27 वर्षों में सूख जाएंगी गंगा,ब्रह्मपुत्र नदियां,यूएन की चौंकाने वाली रिपोर्ट

केन्यूज डेस्क:UN ने चेतावनी दी है कि भारत साल 2050 तक 170 से 240 करोड़ शहरी लोगों को पानी की भारी किल्लत हो सकती है.क्योंकि हिमालय के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है.हिंदुस्तान व पाकिस्तान ,चीन की तीन प्रमुख नदियों में गंगा ब्रह्मपुत्र और सिंधु का जलस्तर बहुत तेजी से कम होता जा रहा है.जिससे पानी की किल्लत हो सकती है.

 

UN के महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी है कि हिमालय की प्रमुख नदियां सिंधु,गंगा और ब्रह्मपुत्र का जलस्तर बहुत तेजी से कम होने वाला है.वहीं गुटरेस ने कहा कि जिस तरह से ग्लेशियर और बर्फ की की परतें पिघलती नजर आ रही हैं,वो चिंता का विषय है.

गुटरेस ने पाकिस्तान में पिछले साल आई बाढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया पहले ही देख चुकी है कि हिमालय की बर्फ पिघलने के बाद कैसी स्थिति होती है,ऐसे में हिमालय से निकलने वाली नदियों के प्रवाह में कमी आ सकती है.जिसके बाद कैसी स्थिति होगी.

भारत में तो गंगा जैसी नदियों को पीने के पानी के साथ-साथ सिंचाई के लिए काफी अहम माना जाता है. गुटेरेस ने कहा कि मानव की गतिविधियों की वजह से धरती का तापमान खतरनाक स्तर पर जा रहा है. ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं. उन्होंने कहा अंटार्कटिक की करीब 150 बिलियन टन बर्फ हर साल पिघल रही है.

दरअसल भारत के हिमालय क्षेत्र में 9575 ग्लेशियर हैं। जिसमें से 968 ग्लेशियर सिर्फ उत्तराखंड में हैं। गंगा, घाघरा, मंदाकिनी, सरस्वती जैसी नदियां भारत के मैदानी हिस्सों को सांस दे रही हैं सींच रही हैं। जिस हिसाब से ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ रही है। उससे इन नदियों का जलस्तर कम होगा, क्योंकि इन्हें पानी देने वाले ग्लेशियर पिघल रहे हैं।

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