G-20 शिखर सम्मेलन : पहले सेशन में वन सन,वन वर्ड,वन ग्रिड पर हुई चर्चा, पीएम मोदी ने स्वयं दी जानकारी

KNEWS DESK… देश की राजधानी G-20 शिखर सम्मेलन शुरू हो गया है. बैठकों का दौर दो दिन यानी 9 और 10 सितंबर तक चलेगा. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पहले सत्र की बैठक पीएम मोदी के संबोधन के साथ शुरू हुई. पीएम मोदी ने ‘वन अर्थ’ नाम के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया.

दरअसल आपको बता दें कि इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘हम एक वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन बना रहे हैं और भारत आप सभी को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है.’ उन्होंने बताया कि भारत ने ‘पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए G-20 शिखर सम्मेलन में सैटेलाइट मिशन’ लॉन्च करने का प्रस्ताव दिया है.पीएम मोदी ने आगे ‘वन सन, वन वर्ड, वन ग्रिड’ पर जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया नए समाधान मांग रही है. किसी भी संकट को आपसी विश्वास के बिना हल नहीं किया जा सकता और हम मिलकर विश्वास के संकट को दूर करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ मंत्र एक मार्गदर्शक है.

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मानव-केंद्रित विकास को आगे बढ़ाने की जरूरत- पीएम मोदी 

जानकारी के लिए बता दें कि वन अर्थ का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने मानव-केंद्रित विकास को आगे बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति ने हमेशा इस पर जोर दिया है. उन्होंने कहा, ‘यह वन यूनिवर्स की भावना पर आधारित है जिसके तहत भारत ने लाइफ मिशन, अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष पर जोर, ग्रीन ग्रिड पहल – वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड, सौर ऊर्जा उपयोग, प्राकृतिक जैसी पहल पर काम किया है. खेती और राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को प्रोत्साहित किया गया.

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‘वसुधैव कुटुंबकम’ की मूल भावना पर आधारित-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘भारत आस्था, आध्यात्मिकता और परंपराओं की विविधता की भूमि है। विश्व के कई प्रमुख धर्मों का जन्म यहीं हुआ है. विश्व के कई प्रमुख धर्मों का जन्म यहीं हुआ है। दुनिया के हर धर्म को यहां सम्मान मिला है. “लोकतंत्र की जननी” के रूप में, संवाद और लोकतांत्रिक विचारधारा में हमारा विश्वास अनादि काल से अटूट रहा है. हमारा वैश्विक व्यवहार ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की मूल भावना पर आधारित है, यानी दुनिया एक परिवार है। यह भावना हर भारतीय को वन-पृथ्वी के प्रति जिम्मेदारी की भावना से भी जोड़ती है.

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