दिल्ली : आवास के रेनोवेशन मामले पर बोले केजरीवाल,कहा-‘इस बार जांच में कुछ नहीं मिला तो क्या PM इस्तीफा देंगे’

KNEWS DESK… आवास के रेनोवेशन मामले में सीबीआई की जांच को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को निशाने पर लिया. उन्होंने पूछा कि इस बार जांच में कुछ नहीं मिला तो क्या वो इस्तीफ़ा देंगे. उन्होंने कहा कि ये पहली बार नहीं है. प्रधानमंत्री घबराये हुए हैं.

दरअसल, अब तक 50 से ज़्यादा जांच हो गयी है. 33 से ज़्यादा केस किया. सारी जांच की लेकिन कुछ मिला नहीं. इस जांच का स्वागत है. कुछ मिलने वाला नहीं है. ये काम करते नहीं सिर्फ़ भाषणबाजी करते हैं. सीएम ने कहा, “केजरीवाल झुकने वाला नहीं है, जितनी फर्जी जांच कर लें. चौथी पास राजा को चुनौती है. अगर इस जांच में कुछ नहीं मिला तो क्या वो इस्तीफा देंगे.”

जानकारी के लिए बता दें कि सीएम केजरीवाल ने सोशल मीडिया ट्वीटर पर लिखा कि “अब इन्होंने CM आवास की CBI जांच शुरू करवा दी. प्रधानमंत्री जी घबराए हुए हैं. ये उनकी घबराहट दिखाता है. मेरे ख़िलाफ़ जांच कोई नई बात नहीं है. अभी तक मेरे ख़िलाफ़ पिछले 8 साल में 50 से ज़्यादा मामलों में जांच करवा चुके हैं. बोले केजरीवाल ने स्कूल बनवाने में घोटाला कर दिया, बस घोटाला, शराब घोटाला, सड़क घोटाला, पानी घोटाला, बिजली घोटाला. दुनिया में शायद सबसे ज़्यादा जांच मेरी हुई होंगी. किसी केस में कुछ नहीं मिला. इसमें भी कुछ नहीं मिलेगा. जब कुछ गड़बड़ है ही नहीं तो क्या मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा, “एक चौथी पास राजा से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है? 24 घंटे बस जांच-जांच का गेम खेलते रहते हैं, या फिर भाषण देते रहते हैं. काम तो कुछ करते नहीं. वो चाहते हैं कि मैं भी दूसरे नेताओं और पार्टियों की तरह उनके साथ मिल जाऊँ. पर मैं इनके सामने झुकने वाला नहीं, चाहे वो मेरी जितनी मर्ज़ी फ़र्ज़ी जांच करवा लें, जितने मर्ज़ी केस कर लें. मैं भी उन्हें चैलेंज देता हूँ – जैसे पिछली सारी जांचों में कुछ नहीं निकला, वैसे ही अगर इस जांच में भी कुछ नहीं निकला तो क्या झूठी जांच करने के जुर्म में इस्तीफ़ा देंगे?

सीबीआई इस मामले में दर्ज कर चुकी है पीई-केजरीवाल

बता दें कि CBI ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नए सरकारी आवास के निर्माण के संबंध में  दिल्ली सरकार के अज्ञात लोक सेवकों द्वारा कथित रूप से की  गई ‘ अनियमितता और कदाचार’ को देखने के लिए प्रारंभिक जांच दर्ज कर चुकी है. पीई यह देखने के लिए दर्ज की जाती है कि क्या आरोपों को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के वास्ते प्रथम दृष्टया कोई सामग्री है या नहीं.

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