KNEWS DESK – दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में कुछ समुदायों से संबंधित 30 लाख वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से कथित रूप से हटाए जाने के बारे में टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई रद्द करने से इनकार कर दिया।
एएपी नेताओं की याचिका खारिज
जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने मानहानि की कार्यवाही को चुनौती देने वाली एएपी नेताओं की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने सभी पक्षों को तीन अक्टूबर को ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होने के लिए कहा है। केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पूर्व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार गुप्ता, मनोज कुमार और आतिशी ने सत्र अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसने बीजेपी नेता राजीव बब्बर की शिकायत में उन्हें आरोपित के रूप में तलब करने के मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले को बरकरार रखा था।
आदेश को रद्द करने का किया थाअनुरोध
एएपी नेताओं ने मजिस्ट्रेट अदालत के 15 मार्च, 2019 और सत्र अदालत के 28 जनवरी, 2020 के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था। दिल्ली बीजेपी की तरफ से मानहानि की शिकायत दायर करने वाले बब्बर ने वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम हटाने के लिए बीजेपी को दोषी ठहराकर उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए एएपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया था।
बब्बर ने दावा किया था कि एएपी नेताओं ने दिसंबर 2018 में आरोप लगाया था कि बीजेपी के निर्देश पर निर्वाचन आयोग ने बनिया, पूर्वांचली और मुस्लिम समुदाय के 30 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए।