KNEWS DESK… कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ग्वालियर के मेला मैदान में 33 मिनट के भाषण में मणिपुर से लेकर महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र मोदी तक पर चर्चा की. इस दौरान प्रियंका गांधी ने रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर भी माथा टेका.
दरअसल आपको बता दें कि प्रियंका गांधी ने रैली को संबोधित करते हुए लोगों से कहा कि कुछ लोगों ने पिछली कांग्रेस सरकार को गिरा दिया. इसलिए इस बार ऐसी सरकार बनाएं जिसे दलबदल से गिराया न जा सके. प्रियंका के भाषण में सब कुछ था, लेकिन इस भाषण में ज्योतिरादित्य सिंधिया का कोई जिक्र नहीं था. इस मामले पर जानकारों का कहना है कि जिसका अंदेशा था वही हुआ. एक दिवसीय दौरे पर ग्वालियर आईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सीधे तौर पर हमला नहीं बोला. सिंधिया के नाम पर प्रियंका ने बस इतना कहा कि कुछ लोगों की विचारधारा बदल गई. उन्होंने यह भी कहा कि वह सिंधिया के बारे में दस मिनट तक बोल सकती थीं, लेकिन कुछ नहीं बोलीं.
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ज्योतिरादित्य को अपना भाई मानती हैं
बताया जाता है कि गांधी और सिंधिया परिवार के बीच पुराने रिश्ते रहे हैं. ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया और प्रियंका के पिता राजीव गांधी करीबी मित्र थे. जब तक ज्योतिरादित्य कांग्रेस में थे, तब तक वह प्रियंका के भी काफी करीबी थे. राशिद किदवई ने अपनी किताब द हाउस ऑफ सिंधिया में लिखा है कि प्रियंका, ज्योतिरादित्य को अपना भाई मानती हैं. सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद राजनीति पूरी तरह बदल गई, लेकिन प्रियंका ने इसे रिश्ते पर कोई असर नहीं होने दिया. अब सवाल ये है कि क्या प्रियंका ने पुराने रिश्तों का सम्मान किया या भविष्य के रिश्तों की नींव रखी.
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