KNEWS DESK- हाल ही सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सेम सेक्स मैरिज पर फैसला सुनाया गया था। तो वहीं अब भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के हालिया समलैंगिक विवाह फैसले में अपनी अल्पमत राय पर कायम हैं।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी लॉ सेंटर, वाशिंगटन डीसी और सोसाइटी फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (एसडीआर), नई दिल्ली की ओर से सह-आयोजित तीसरी तुलनात्मक संवैधानिक कानून चर्चा में यह बात कही। कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अक्सर संवैधानिक महत्व के मुद्दों पर दिए गए फैसले “अंतरात्मा की आवाज” होते हैं और वह समलैंगिक विवाह मामले में अपने अल्पमत फैसले पर कायम हैं।
“मैं अपनी बात पर कायम हूं”
उन्होंने कहा, ”कभी-कभी यह अंतरात्मा की आवाज और संविधान का वोट होता है और मैंने जो कहा, मैं उस पर कायम हूं.” सीजेआई ने अपने फैसले की व्याख्या करते हुए कहा, “मैं अल्पमत में था जहां मेरा मानना था कि समलैंगिक जोड़े एक साथ रहने पर गोद ले सकते हैं और फिर मेरे तीन सहकर्मी इस बात पर असहमत थे कि समलैंगिक जोड़ों को गोद लेने की अनुमति न देना भेदभावपूर्ण है लेकिन इसका निर्णय तो संसद को करना था.”
सीजेआई ने यह भी बताया कि कैसे सहमति से समलैंगिक यौन संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले के कारण समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए याचिकाएं दायर की गईं। पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सभी न्यायाधीश इस बात पर सहमत थे कि विवाह समानता लाने के लिए कानूनों में संशोधन करना संसद की भूमिका में आता है।